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22 Aug 2019 · 1 min read

“राज जो हम कभी नहीं जान पाये” #100 शब्दों की कहानी#

मेरे हमदम बंधी तेरे संग विवाह की डोर, अजनबी होकर भी अपनेपन का अहसास एक छोर से दूसरे छोर । कभी रूठना, कभी मनाना, कभी मिलना, कभी बिछड़ना और प्यार से यूं कहना अब जाने भी दो यार, इस सफर में नो सॉरी नो थेंक्यू, रात गई बात गई को यथार्थ करते हुए वक्त की गहराईयों में धूप-छांव की हर कठिनाइयों के बावजूद सब रिश्ते निभाते हुए , मुझे खुशी है कि जीवन की नैया दुनियादारी की बागडोर संभाले एक दूजे के लिए एक कशिश तो रखते हैं, यह गहरा “राज जो हम कभी नहीं जान पाये” ।

Language: Hindi
1 Like · 204 Views
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