राजयोगमहगीता: गोविंद भी नाम जिनका है गोवर्धनधारी: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट५४)घनाक्षरी
घनाक्षरी : प्रभु प्रणाम ३
————,गोविंद भी नाम जिनका है गोवर्धनधारी ,
नित्यरूप, नित्यगुण, नित्य- लीलाधाम हैं ।
सभीके हैं मूल उत्स , परम आनंद हैं जो ,
कारणों के कारण हैं वे मूल शोभा- धाम हैं ।
कृष्ण नाम द्योतक जो प्रेम आकर्षण नित्य,
परम सत्ता का वह ब्रह्म दिव्य नाम हैं ।
सर्वशक्तिमान , सर्वव्यापक , सर्वज्ञ हैं जो–
करते उन्हीं को हम नित्य प्रणाम हैं ।।३।।
—– जितेंद्र कमल आनंद,
रामपुर ( उत्तर प्रदेश) , भारत