Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2017 · 1 min read

राजनिती (कुण्डलियां)

राजनिती

1.
गंदा हो गया देखो, राजनीति का खेल।
नेता बनता हैं वहीं, जो जाता हैं जेल।
जो जाता हैं जेल, वही चुनकर के आता।
ना लायक भी यहां, सदन मंत्री बन जाता।
फिर सभी मिलकर के, करे हैं गोरख धंधा।
कहें राम कविराय, धंधा हो गया गंदा

2.
सत्ता हथियाने हेतु, करते लाख उपाय।
वक्त पड़ने पर सारे, सबको बाप बनाय।
सबको बाप बनाय, बला सबकी ले लेते।
वक्त बित जाने पर, सबको दगा हैं देते।
पैंतरे में इनके, सभी खा जाते गच्चा।
करते जतन अपार, सभी पाने को सत्ता।

3.
मंत्री बनते ही सभी, जन को जाते भूल।
मंत्री बनके लोग को, कहें चरण की धूल।
कहे चरण की धूल, साथ ना उनका देता।
काम करने के लिए, उनसे घूस हैं लेता।
कहर ढाते हैं सब, बनकर यहां पर तंत्री।
समझे खुद को खुदा, बनकर यहां पर मंत्री।

स्वरचित
रामप्रसाद लिल्हारे “मीना “

465 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लड़कियां जिसका भविष्य बना होता है उन्हीं के साथ अपना रिश्ता
लड़कियां जिसका भविष्य बना होता है उन्हीं के साथ अपना रिश्ता
Rj Anand Prajapati
ऐ,चाँद चमकना छोड़ भी,तेरी चाँदनी मुझे बहुत सताती है,
ऐ,चाँद चमकना छोड़ भी,तेरी चाँदनी मुझे बहुत सताती है,
Vishal babu (vishu)
जागो रे बीएलओ
जागो रे बीएलओ
gurudeenverma198
** सावन चला आया **
** सावन चला आया **
surenderpal vaidya
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
Keshav kishor Kumar
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
2652.पूर्णिका
2652.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है "रत्न"
गुप्तरत्न
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
Harminder Kaur
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
एक और इंकलाब
एक और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
भ्रम का जाल
भ्रम का जाल
नन्दलाल सुथार "राही"
"धन्य प्रीत की रीत.."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पूछी मैंने साँझ से,
पूछी मैंने साँझ से,
sushil sarna
* नई दृष्टि-परिदृश्य आकलन, मेरा नित्य बदलता है【गीतिका】*
* नई दृष्टि-परिदृश्य आकलन, मेरा नित्य बदलता है【गीतिका】*
Ravi Prakash
भाव  पौध  जब मन में उपजे,  शब्द पिटारा  मिल जाए।
भाव पौध जब मन में उपजे, शब्द पिटारा मिल जाए।
शिल्पी सिंह बघेल
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रूह को खुशबुओं सा महकाने वाले
रूह को खुशबुओं सा महकाने वाले
कवि दीपक बवेजा
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
Paras Nath Jha
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-178💐
💐प्रेम कौतुक-178💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आए गए महान
आए गए महान
Dr MusafiR BaithA
(19) तुझे समझ लूँ राजहंस यदि----
(19) तुझे समझ लूँ राजहंस यदि----
Kishore Nigam
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
The_dk_poetry
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
kumar Deepak "Mani"
सुनो बुद्ध की देशना, गुनो कथ्य का सार।
सुनो बुद्ध की देशना, गुनो कथ्य का सार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
" माँ "
Dr. Kishan tandon kranti
बहना तू सबला बन 🙏🙏
बहना तू सबला बन 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ज़िंदगी बन गई है सूखा शज़र।
ज़िंदगी बन गई है सूखा शज़र।
Surinder blackpen
ग्रामीण ओलंपिक खेल
ग्रामीण ओलंपिक खेल
Shankar N aanjna
Loading...