Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2018 · 1 min read

#राखी बहनी के मया( छत्तीसगढ़ी गीत)#

####राखी####
अगाध मया दाई दीदी बहिनि मन के,
ये राखी राखी म ।
छोटे बड़े भैया मन के मया ल बांधे,
आखि पाखी म ।।
सावन के महीना म संगी ,सबला राखी सुरता आथे ।
नानक रेसम के डोरी म ,भाई बहिनि के अगाध मया बंधाथे ।।
कतको मया बिसराले बहिनि ,राखी तोला जगाथे ।
जेन बहिनि के भाई नइये ,झर झर आसू बोहाथे ।।
जियत मरत ले तोला बांधे, अपन मन के थाती म ।
अगाध मया दाई दीदी बहिनि मन के,
ये राखी राखी म।।।
मन म संजोये तन म बसाये ,ममता के पियास ।
झन टूटय भाई बहिनि के मया,इही लगा के आस ।।
दुःख सुख म भैया खड़ा होही ,मन म धरे बिसवास ।
अपन पति के सेवा करत करत मोहटि म टूटय सांस ।।
अमर रईही भाई बहिनि के मया ,ये छत्तीसगढ़ के माटी म ।
अगाध मया दाई दीदी बहिनि मन के ,ये राखी राखी म ।।।।
दाई ददा अउ भैया मन के ,मया छोड़ ससुरार जब जाथे ।
हाय रे दरद ओ दिन के ,अंतस ल धरर धरर जब रोवाथे ।।
छूठथे संगी साथी गली खोर ,अउ गांव के अमरइया ।
तीजा पोरा बर लाये जाथे ,गदगद होके भैया ।।
सास ससुर अउ पति के सेवा खातिर ,
मन ल बांधे बसी म।
अगाध मया दाई दीदी बहिनि मन के ,
ये राखी राखी म।।।।।
अर्जुन भास्कर
भोपाल मप्र
8717855517

Language: Hindi
Tag: गीत
551 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
जिंदगी तेरे कितने रंग, मैं समझ न पाया
जिंदगी तेरे कितने रंग, मैं समझ न पाया
पूर्वार्थ
सच्ची बकरीद
सच्ची बकरीद
Satish Srijan
Good morning
Good morning
Neeraj Agarwal
गुत्थियों का हल आसान नही .....
गुत्थियों का हल आसान नही .....
Rohit yadav
"मिलते है एक अजनबी बनकर"
Lohit Tamta
आज के दिन छोटी सी पिंकू, मेरे घर में आई
आज के दिन छोटी सी पिंकू, मेरे घर में आई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं
किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
Sandeep Pande
कोरे कागज पर...
कोरे कागज पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मानव  इनको हम कहें,
मानव इनको हम कहें,
sushil sarna
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
gurudeenverma198
■ आज का निवेदन...।।
■ आज का निवेदन...।।
*Author प्रणय प्रभात*
ऐ मोहब्बत तेरा कर्ज़दार हूं मैं।
ऐ मोहब्बत तेरा कर्ज़दार हूं मैं।
Phool gufran
*यह समय के एक दिन, हाथों से मारा जाएगा( हिंदी गजल/गीतिका)*
*यह समय के एक दिन, हाथों से मारा जाएगा( हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
झूठ बोलते हैं वो,जो कहते हैं,
झूठ बोलते हैं वो,जो कहते हैं,
Dr. Man Mohan Krishna
देखने का नजरिया
देखने का नजरिया
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मित्रता-दिवस
मित्रता-दिवस
Kanchan Khanna
💐Prodigy love-2💐
💐Prodigy love-2💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
Anand Kumar
एक दिन
एक दिन
Ranjana Verma
रूह की अभिलाषा🙏
रूह की अभिलाषा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गुरु मेरा मान अभिमान है
गुरु मेरा मान अभिमान है
Harminder Kaur
बात पुरानी याद आई
बात पुरानी याद आई
नूरफातिमा खातून नूरी
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
Shweta Soni
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
Kishore Nigam
Loading...