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29 Apr 2017 · 1 min read

रमेशराज के 7 मुक्तक

केसरिया बौछार मुबारक
होली का त्यौहार मुबारक |
जो न लड़ा जनता की खातिर
उस विपक्ष को हार मुबारक ||
+रमेशराज

————————-

नेता बाँट रहे हैं नोट
सोच-समझ कर देना वोट
कल मारेंगे तुझको लात
आज रहे जो पांवों लोट |
+रमेशराज

————————–
पी पऊआ, नाली में लोट
दे बेटा गुंडों को वोट,
यही चरेंगे गद्दी बैठ
तेरे हिस्से के अखरोट |
+रमेशराज

———————————
भारत माता भारत माता भारत माता की जै रे
कमरतोड़ महगाई से तू थोड़ी-सी राहत दै रे ,
सँग भारत माता के तेरी भी जय-जय हम बोलेंगे
लालाजी नहीं अरे जनता की सुख से झोली भरी दै रे |
+रमेशराज

———————————–
हमको सत्ता-धर्म निभाना अच्छा लगता है
आज अदीबों को गरियाना अच्छा लगता है,
कहने को हम कवि की दम हैं बाल्मीकि के वंशज पर
कवि-कुल को गद्दार बताना अच्छा लगता है |
+रमेशराज

————————————-
सच्चे को मक्कार बताने का अब मौसम है
गर्दन को तलवार बताने का अब मौसम है ,
जनता की रक्षा को आतुर अरे जटायू सुन
तुझको भी गद्दार बताने का अब मौसम है |
+रमेशराज

———————————-
गिरगिट जैसे रन्ग बदलने का अब मौसम है
सच के मुँह पर कालिख मलने का अब मौसम है,
पुरस्कार लौटाकर तू गद्दार कहाएगा
बाजारू सिक्कों में ढलने का अब मौसम है |
+रमेशराज
——————————
15/109, ईसानगर, अलीगढ़-202 001

Language: Hindi
230 Views
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