Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2017 · 1 min read

रमेशराज के 2 मुक्तक

बस यही फैसला अच्छा है
मद-मर्दन खल का अच्छा है |
जो इज्जत लूटे नारी की
फांसी पर लटका अच्छा है ||
+रमेशराज

———————–

सब हिस्से के इतवार गये
त्यौहार गये सुख-सार गये,
हम मोहरे बने सियासत के
वे जीत गये हम हार गये
+रमेशराज

Language: Hindi
296 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"संकल्प"
Dr. Kishan tandon kranti
“ जीवन साथी”
“ जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
प्यार के काबिल बनाया जाएगा।
प्यार के काबिल बनाया जाएगा।
Neelam Sharma
मत देख कि कितनी बार  हम  तोड़े  जाते  हैं
मत देख कि कितनी बार हम तोड़े जाते हैं
Anil Mishra Prahari
ऐसे जीना जिंदगी,
ऐसे जीना जिंदगी,
sushil sarna
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Agarwal
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मानवता का
मानवता का
Dr fauzia Naseem shad
जनता जनार्दन
जनता जनार्दन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिंदगी एडजस्टमेंट से ही चलती है / Vishnu Nagar
जिंदगी एडजस्टमेंट से ही चलती है / Vishnu Nagar
Dr MusafiR BaithA
दिन सुखद सुहाने आएंगे...
दिन सुखद सुहाने आएंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
Paras Nath Jha
किए जिन्होंने देश हित
किए जिन्होंने देश हित
महेश चन्द्र त्रिपाठी
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
कवि रमेशराज
*हमारे देवता जितने हैं, सारे शस्त्रधारी हैं (हिंदी गजल)*
*हमारे देवता जितने हैं, सारे शस्त्रधारी हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
Manoj Mahato
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
बात तब कि है जब हम छोटे हुआ करते थे, मेरी माँ और दादी ने आस
बात तब कि है जब हम छोटे हुआ करते थे, मेरी माँ और दादी ने आस
ruby kumari
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बादल
बादल
लक्ष्मी सिंह
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
Pooja Singh
एक शे'र
एक शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
सवाल
सवाल
Manisha Manjari
12) “पृथ्वी का सम्मान”
12) “पृथ्वी का सम्मान”
Sapna Arora
23/141.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/141.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ऐसे ही मुक़्क़मल करो अपने सारे ख्वाब✌🏻✌🏻
ऐसे ही मुक़्क़मल करो अपने सारे ख्वाब✌🏻✌🏻
Vaishaligoel
कहीं साथी हमें पथ में
कहीं साथी हमें पथ में
surenderpal vaidya
■ ऐसा लग रहा है मानो पहली बार हो रहा है चुनाव।
■ ऐसा लग रहा है मानो पहली बार हो रहा है चुनाव।
*Author प्रणय प्रभात*
ज़रूरी है...!!!!
ज़रूरी है...!!!!
Jyoti Khari
Loading...