रक्षाबंधन
शीर्षक:रक्षा बंधन
सिर्फ नहीं बाँधती बहन भाई को राखी
भाई बहन के रिश्तों को बांधती हैं बंधन में
राखी में समाहित होते हैं दोनो के बीच एक
भाव ह्रदय तल की गहराई का जो अन्तरंग हो
भाई को कभी पिता बन कन्यादान तक ले जाता हैं
ये एक बंधन सिर्फ रेशम की डोरी का नही…
वो भाई जो दोस्त और हमजोली बन रहता
ताउम्र साथ लड़ते झगड़ते बीत जाती हैं जिंदगी
जिम्मेदारी उठाते संग चलते है कभी बहन तो कभी भाई
वो बंधन भी होता है पर उसमें गहन प्रीत भी होती शामिल
जब बंधते हैं एक दूजे से रेशम की डोरी के धागे में
ये एक बंधन सिर्फ रेशम की डोरी का नही…
ये कौन से धागे सच्चाई के प्रेम के प्रतीक होते हैं
इसका महत्व क्या है ? ये भाई बहन ही जान सकते है
बचपन में राखी की एक प्लेट पर बहन देखती हैं तोहफा
मिठाई संग खाते हुए मीठे संबध भाई को नजर आते हैं
मिलजुल हँसते, झगड़ते गहरा भाई बहन का प्यार हैं
ये एक बंधन सिर्फ रेशम की डोरी का नही…
कभी मेरी तरह मुँहबोले भाई भी निभा जाते हैं रिश्ते
रूहानी एहसास के स्नेह भरे धागे जब मैने बाँधे कलाई
जिसमे दोनों स्वयं बंध जाते हैं अटूट सच्चे प्यार रिश्ते में
हाँ, वो भी रिश्ते होते हैं दिल से दिल के बहुत करीब
जिसमे भाई,बहन की ममता उसका अभिमान हैं होता हैं
ये एक बंधन सिर्फ रेशम की डोरी का नही …
सत्य बस इतना है कि इससे करीबी रिश्ता नही होता कोई
इस भाई बहन के बंधन में छिपा होता हैं नेह गहरा कोई
भाई बहन के साथ-साथ दुख सुख में ऐसा नही ओर कोई
अन्य भावबंध भी बँधे होते हैं,साथ निभा जाते हैं सब कोई
जो बंधन को बेहद खास बनाते भाई बहन हैं ओर नही कोई
ये एक बंधन सिर्फ रेशम की डोरी का नही …
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद