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6 Aug 2020 · 1 min read

रक्षाबंधन गीत

भैया आती याद पुरानी वो बातें
बचपन में जब की थी बड़ी खुराफातें

दुश्मन भी तब तुम ही बड़े हमारे थे
मगर जान से अधिक हमें ही प्यारे थे
झगड़े अपने होते रोज पुराने थे
भैया बचपन के दिन बहुत सुहाने थे
अब तो हो भी पाती नहीं मुलाकातें
भैया आती याद पुरानी वो बातें

राखी पर क्या धूम धड़ाका मचता था
नेग हमें कुछ देना तुम्हें अखरता था
हम भी लड़ कर तुमसे पैसे लेते थे
लेकिन चीजें लाकर तुमको देते थे
मिली नहीं फिर हमको ऐसी सौगातें
भैया आती याद पुरानी वो बातें

कोरे कागज़ की हम नाव बनाते थे
भीग भीग कर आँगन में तैराते थे
मम्मी के कदमों की आहट पाते थे
झट दरवाजे के पीछे छुप जाते थे
ढूँढे अब ये आँखें ऐसी बरसातें
भैया आती याद पुरानी वो बातें

खुद तो हम पर कितना रोब जमाते थे
मगर हमारी खातिर तुम लड़ जाते थे
देर रात तक जब हम दोनों पढ़ते थे
भूख लगे तो पाक कला भी करते थे
जाग जाग यूँ काटी हैं कितनी रातें
भैया आती याद पुरानी वो बातें

06-08-2018
अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 366 Views
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