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23 Aug 2017 · 1 min read

रक्त

धरती लाल है खून से ,, आसमा धुवें से काला है ,,
धीरे धीरे आँखों का पानी भी सुख ही जायेगा ,,
कौन गलत कौन सही नही जानना अ खुदा ,
बस इतना ही बतादो की इसमे ठहराव कब आएगा ??

सुना तो है ना कि होनी को कौन टाल सकता है ,,
टालते ही हैं ऐसी घटना कहाँ हर रोज दिखाई देती हैं !!
अपनी कमी दूसरे पे थोपने से कुछ ना मिलना आवाम को
शियासत एक दूजे पे क्यों ही इल्जाम लगा देती हैं ??

कुदरती नाफरमानी है ये सब या इंसानी कमी जहान की
ये बताने को अब कहाँ ख़ुदा अब जमी पे आएगा !!
आखों का पानी , दर्द दिल का बचा के रखो हुजूर ,,
आज सैलाब है चोहराये पे,कल तुमारी चोखट भी आएगा

Language: Hindi
421 Views
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