Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2016 · 1 min read

रंग बहारों के उतर क्यूँ जाते

रंग बहारों के उतर क्यूँ जाते
ख़ुश्बू के तेरी असर क्यूँ जाते

शाख-ए-मोहब्बत जो रहती हरी
पत्तों की तरहा बिखर क्यूँ जाते

गर होते आज भी साथ मिरे तुम
खुशियों के लम्हे गुज़र क्यूँ जाते

लग जाता अगर यहीं कारख़ाना
छोड़ अपना गांव शहर क्यूँ जाते

क़ाबू में रखते ज़ुबाँ गर अपनी
नज़रों से उनकी उतर क्यूँ जाते

होता गर इरादा -ए- दगाबाज़ी
लूटा के चमन को मगर क्यूँ जाते

इंतज़ार तेरा ‘सरु’ गर न होता
इस मोड़ पे हम ठहर क्यूँ जाते

198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पहचान
पहचान
Shashi kala vyas
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
*दिल चाहता है*
*दिल चाहता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ परिहास...
■ परिहास...
*Author प्रणय प्रभात*
“ अपने जन्म दिनों पर मौन प्रतिक्रिया ?..फिर अरण्यरोदन क्यों ?”
“ अपने जन्म दिनों पर मौन प्रतिक्रिया ?..फिर अरण्यरोदन क्यों ?”
DrLakshman Jha Parimal
परोपकार
परोपकार
Neeraj Agarwal
अक्सर आकर दस्तक देती
अक्सर आकर दस्तक देती
Satish Srijan
पलटे नहीं थे हमने
पलटे नहीं थे हमने
Dr fauzia Naseem shad
Meri Jung Talwar se nahin hai
Meri Jung Talwar se nahin hai
Ankita Patel
2805. *पूर्णिका*
2805. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
है आँखों में कुछ नमी सी
है आँखों में कुछ नमी सी
हिमांशु Kulshrestha
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
Suryakant Dwivedi
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
कहने का मौका तो दिया था तुने मगर
कहने का मौका तो दिया था तुने मगर
Swami Ganganiya
मेरी हैसियत
मेरी हैसियत
आर एस आघात
उम्र बढती रही दोस्त कम होते रहे।
उम्र बढती रही दोस्त कम होते रहे।
Sonu sugandh
*व्याख्यान : मोदी जी के 20 वर्ष*
*व्याख्यान : मोदी जी के 20 वर्ष*
Ravi Prakash
"जल"
Dr. Kishan tandon kranti
"आशा" की कुण्डलियाँ"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तेरी नादाँ समझ को समझा दे अभी मैं ख़ाक हुवा नहीं
तेरी नादाँ समझ को समझा दे अभी मैं ख़ाक हुवा नहीं
'अशांत' शेखर
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
🙏 अज्ञानी की कलम🙏
🙏 अज्ञानी की कलम🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
💐प्रेम कौतुक-311💐
💐प्रेम कौतुक-311💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नवयुग का भारत
नवयुग का भारत
AMRESH KUMAR VERMA
कमियों पर
कमियों पर
REVA BANDHEY
विदाई गीत
विदाई गीत
Dr Archana Gupta
एक शे'र
एक शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
हकीकत
हकीकत
Dr. Seema Varma
मुझे पता है।
मुझे पता है।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
Loading...