रंगरेज
विषय….. रंगरेज
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मैली चादर है मन मेरा
जीवन भी है कोरी,
रंगरेज तूं रंग चढा दे
श्यामल हो या गोरी।
प्रीत रंग में रंग दे हमका
रहे ना जीवन कोरी,
रंगरेज तूं रंग चढा दे
श्यामल हो या गोरी।
अच्छाई से हमे मिलादे
मिटे बुराई पूरी,
रंगरेज तूं रंग चढा दे
श्यामल हो या गोरी।
अंस मेरे पाप पले ना
रहे ना हिंसा थोड़ी,
रंगरेज तूं रंग चढा दे
श्यामल हो या गोरी।
ईर्ष्या द्वेष से दूर रहे हम
विनय करूं कर जोरी,
रंगरेज तूं रंग चढा दे
श्यामल हो या गोरी।
हर मानव से प्रीत करूं मैं
बैर रहे ना थोड़ी,
रंगरेज तूं रंग चढा दे
श्यामल हो या गोरी।
सचिन खड़ा है द्वार तिहारे
नत्मस्तक कर जोरी,
रंगरेज तूं रंग चढा दे
श्यामल हो या गोरी।
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संजीव शुक्ल “सचिन #साहित्य_सागर
ग्राम + पो. :-मुसहरवा
प.चम्पारण, बिहार