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22 Jun 2017 · 1 min read

ये सच है

कई सरकारें आई और चली भी गई
हुआ क्या कुछ भी नहीं …
दाम वहाँ भी महँगे थे और यहाँ भी
हुआ क्या कुछ भी नहीं…
सैनिक तब भी शहादत और अब भी
हुआ क्या कुछ भी नहीं …
सरकार तब भी मौन थी अब भी खामोश
हुआ क्या कुछ भी नहीं …
निंदा उस वक्त भी बहुत हुई, इस वक्त भी
हुआ क्या कुछ भी नहीं…
वादे तो उधर भी किये और इधर भी
हुआ क्या कुछ भी नहीं…
किसान तब भी मरता था आज भी मरता है
हुआ क्या कुछ भी नहीं …
बेरोज़गारी तब भी बहुत और अब भी
हुआ क्या कुछ भी नहीं..
कटाक्ष उस दौर भी किये आज भी ज़ारी हैं
हुआ क्या कुछ भी नहीं…
ज़िंदगी तब भी चलती थी अब भी चलती है
हुआ क्या कुछ भी नहीं …
—————
7895964906
#बृजपाल सिंह #देहरादून

Language: Hindi
2 Likes · 597 Views
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