Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2021 · 1 min read

ये वक्त

1. न कल किसी ने देखा,
न कल कोई देखेगा,
ये वक्त है भाई !
जो इसे समझेगा,
वही जीतेगा !!

2. न इसने किसी को रोका है ,
न कोई इसको रोक पाया है !
ये तो बस अबाध गति से
दौड़े चले आया है !!
जो रुक गया ,
वो हार गया।
जो दौड़ चला,
वो पार गया ।

3. जीवन का पाठ,
ये पढ़ा गया ,
ये वक्त है भाई !!
देखो ..देखो देखो !!
चला गया ….

Language: Hindi
2 Likes · 5 Comments · 524 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#मैथिली_हाइकु
#मैथिली_हाइकु
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
रोना भी जरूरी है
रोना भी जरूरी है
Surinder blackpen
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
Kumar lalit
सागर से दूरी धरो,
सागर से दूरी धरो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं अपने दिल की रानी हूँ
मैं अपने दिल की रानी हूँ
Dr Archana Gupta
" शिक्षक "
Pushpraj Anant
ओ लहर बहती रहो …
ओ लहर बहती रहो …
Rekha Drolia
धरा स्वर्ण होइ जाय
धरा स्वर्ण होइ जाय
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
चुनाव 2024
चुनाव 2024
Bodhisatva kastooriya
" कटु सत्य "
DrLakshman Jha Parimal
शून्य
शून्य
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
■ याद रहे...
■ याद रहे...
*Author प्रणय प्रभात*
जय भवानी, जय शिवाजी!
जय भवानी, जय शिवाजी!
Kanchan Alok Malu
निराला का मुक्त छंद
निराला का मुक्त छंद
Shweta Soni
स्वार्थ
स्वार्थ
Sushil chauhan
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सच का सच
सच का सच
डॉ० रोहित कौशिक
3142.*पूर्णिका*
3142.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पाती प्रभु को
पाती प्रभु को
Saraswati Bajpai
भाई
भाई
Kanchan verma
तुम देखो या ना देखो, तराजू उसका हर लेन देन पर उठता है ।
तुम देखो या ना देखो, तराजू उसका हर लेन देन पर उठता है ।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सुबह वक्त पर नींद खुलती नहीं
सुबह वक्त पर नींद खुलती नहीं
शिव प्रताप लोधी
अपनी सीमाओं को लान्गां तो खुद को बड़ा पाया
अपनी सीमाओं को लान्गां तो खुद को बड़ा पाया
कवि दीपक बवेजा
कलयुगी धृतराष्ट्र
कलयुगी धृतराष्ट्र
Dr Parveen Thakur
मेरे देश के लोग
मेरे देश के लोग
Shekhar Chandra Mitra
अविकसित अपनी सोच को
अविकसित अपनी सोच को
Dr fauzia Naseem shad
मुस्कुराने लगे है
मुस्कुराने लगे है
Paras Mishra
"सहेज सको तो"
Dr. Kishan tandon kranti
*स्वर्गीय श्री जय किशन चौरसिया : न थके न हारे*
*स्वर्गीय श्री जय किशन चौरसिया : न थके न हारे*
Ravi Prakash
Loading...