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11 Dec 2017 · 1 min read

ये मेरा मन कहता है

Tum achi ho ..ye me nahi khta mere undr se awaj aati he …..tum kbhi kbhi pgal lgti ho …..shayd ye pglpnti hi tumhri achayi ka reason he ….ye me nahi khta mere undr se awaj aati he …..naa Jane Kyu.. sari baate tum pr hi Kyu shuru hoti he or tum pr hi end …ye me nahi krta ye Mera mn slip ho jata je …tum jesi bhi ho achi ho ..ye me khta hu .pr Mera mn kuch or khas khta he …..bs only one request
Apni frndship ko Khali rifil ki trh fhek Mt Dena . इसे उस विद्या की पत्तियों की तरह सम्भाल के रखना जैसे तुम बचपन में अपने बुक्स के बीच में रखा करती थी ।वो भी सबसे छुपा कर। कर सकोगी ।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 470 Views
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