Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2017 · 1 min read

ये माना घिरी हर तरफ तीरगी है

ये माना घिरी हर तरफ तीरगी है
मगर छन भी आती कहीं रोशनी है

न करती लबों से वो शिकवा शिकायत
मगर बात नज़रों से सब बोलती है

रहे दिल मे तूफान ,आंखों में सागर
न जाने हवा कैसी चलने चली है

गमों के जो बादल खुशी बन के बरसे
लगा ज़िन्दगी मिल गई दूसरी है

भटकता हुआ देख मासूम बचपन
भरा दर्द दिल में नयन में नमी है

मुहब्बत बिना व्यर्थ है सारा जीवन
हमेशा जमाने को पर ये खली है

इरादे बुलन्दी पे हैं आज इसके
भले नाज़ नखरों में बेटी पली है

निगलने लगा धूप को अब धुआँ ये
जलन से झुलस सी गई चाँदनी है

तुम्हें पा लिया जो, न अब चाहिए कुछ
तुम्हारी खुशी हर हमारी खुशी है

हमें ‘अर्चना’ लोग कहतें हैं पागल
जो आवाज बस दिल की हमने सुनी है

डॉ अर्चना गुप्ता
17-11-2017

1 Comment · 676 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
मैं चोरी नहीं करता किसी की,
मैं चोरी नहीं करता किसी की,
Dr. Man Mohan Krishna
■ अटपटी-चटपटी...
■ अटपटी-चटपटी...
*Author प्रणय प्रभात*
प्रेरणा गीत (सूरज सा होना मुश्किल पर......)
प्रेरणा गीत (सूरज सा होना मुश्किल पर......)
अनिल कुमार निश्छल
ए दिल मत घबरा
ए दिल मत घबरा
Harminder Kaur
I am Yash Mehra
I am Yash Mehra
Yash mehra
करे ज़ुदा बातें हरपल जो, मानव वो दीवाना है।
करे ज़ुदा बातें हरपल जो, मानव वो दीवाना है।
आर.एस. 'प्रीतम'
*तपन*
*तपन*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गंवारा ना होगा हमें।
गंवारा ना होगा हमें।
Taj Mohammad
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की   कोशिश मत करना
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की कोशिश मत करना
Anand.sharma
THE MUDGILS.
THE MUDGILS.
Dhriti Mishra
आंधी है नए गांधी
आंधी है नए गांधी
Sanjay ' शून्य'
संत गाडगे सिध्दांत
संत गाडगे सिध्दांत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Drapetomania
Drapetomania
Vedha Singh
तुमने मुझे दिमाग़ से समझने की कोशिश की
तुमने मुझे दिमाग़ से समझने की कोशिश की
Rashmi Ranjan
सरसी छंद
सरसी छंद
Charu Mitra
तिरंगा
तिरंगा
Neeraj Agarwal
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
Umender kumar
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
Shweta Soni
महापुरुषों की सीख
महापुरुषों की सीख
Dr. Pradeep Kumar Sharma
करम
करम
Fuzail Sardhanvi
जय श्री कृष्णा राधे राधे
जय श्री कृष्णा राधे राधे
Shashi kala vyas
Mannato ka silsila , abhi jari hai, ruka nahi
Mannato ka silsila , abhi jari hai, ruka nahi
Sakshi Tripathi
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जो गगन जल थल में है सुख धाम है।
जो गगन जल थल में है सुख धाम है।
सत्य कुमार प्रेमी
स्वयंभू
स्वयंभू
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
2806. *पूर्णिका*
2806. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
वो निरंतर चलता रहता है,
वो निरंतर चलता रहता है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
चोर
चोर
Shyam Sundar Subramanian
Loading...