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4 Apr 2017 · 1 min read

ये “माँ” लफ्ज़ है सबसे प्यारा ज़मीं पर…..

चमकता हुआ इक सितारा ज़मीं पर
यही ढूबतों का सहारा ज़मीं पर

फरिश्तों ने खुद इसको हाथों से लिक्खा
ये “माँ” लफ्ज़ है सबसे प्यारा ज़मीं पर

न खुद आ सका तो यही समझा बेहतर
खुदा ने खुदी को उतारा ज़मीं पर

दुआओं का दरिया है ये बूढ़ी आँखें
नहीं इससे बेहतर नज़ारा ज़मीं पर

जहाँ से “माँ ” गुजरे ज़मीं चूम लेना
यही स्वर्ग का बस है द्वारा ज़मीं पर

जो तू है तो सब है न तू तो नहीं कुछ
ऐ “माँ”तू ही सब कुछ हमारा ज़मीं पर

—– दयाल योगी

2 Likes · 1 Comment · 272 Views
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