Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2021 · 1 min read

#ये नहीं पढ़ा तो क्या पढ़ा

#श्रेष्ठ विचार #मनुज जीवन साकार

पीर नहीं मरहम बनो,मिले तभी जयकार।
जीत दिला हारे अगर,सदा रहे उपकार।।//1//

हार हुई ये दोष निज,करना समझ सुधार।
दोष दिया गर और को,कायर सरिस विचार।।//2//

मुकुर तोड़ कर देखिए,यूँ बिखरा हूँ आज।
पत्थर जैसे उर लगे , झूठे तेरे काज।।//3//

बनिए सबसे अलहदा,रखिये ऊँची सोच।
दंभ कभी मत कीजिये,प्रेम भरी रख लोच।।//4//

हृदय लगा मत छोड़िए,रहना हरपल साथ।
स्वीकारें रब प्रार्थना,जोड़ो जब दो हाथ।।//5//

प्रीतम स्थायी कुछ नहीं,माया भ्रम का खेल।
समता लेकर खेलिए,बीज कभी थी बेल।।//6//

#कुंडलिया छंद

रचना रब की श्रेष्ठ है,मनुज धरा पर एक।
स्वार्थ लिए नीचा हुआ,भूल परमार्थ नेक।।
भूल परमार्थ नेक,दंभ में जीवन जीता।
परहित समझे नाज़,वही सच समझे गीता।
सुन प्रीतम की बात,जाति ना भुजबल रखना।
शक्ति शील सौंदर्य,युक्त अतिउत्तम रचना।

#सर्वाधिकार सुरक्षित रचना??
#आर.एस.’प्रीतम’

Language: Hindi
4 Likes · 8 Comments · 504 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
*जो भी अपनी खुशबू से इस, दुनिया को महकायेगा (हिंदी गजल)*
*जो भी अपनी खुशबू से इस, दुनिया को महकायेगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ऊंचाई को छूने में गिरना भी लाजमी है
ऊंचाई को छूने में गिरना भी लाजमी है
'अशांत' शेखर
शूद्र व्यवस्था, वैदिक धर्म की
शूद्र व्यवस्था, वैदिक धर्म की
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
कवि रमेशराज
तितली संग बंधा मन का डोर
तितली संग बंधा मन का डोर
goutam shaw
"चापलूसी"
Dr. Kishan tandon kranti
मानसिक विकलांगता
मानसिक विकलांगता
Dr fauzia Naseem shad
सबके सामने रहती है,
सबके सामने रहती है,
लक्ष्मी सिंह
3114.*पूर्णिका*
3114.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिशते ना खास होते हैं
रिशते ना खास होते हैं
Dhriti Mishra
आंखें
आंखें
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
क्या लिखूँ....???
क्या लिखूँ....???
Kanchan Khanna
"अनमोल सौग़ात"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
अरशद रसूल बदायूंनी
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
Neeraj Agarwal
तुम भी पत्थर
तुम भी पत्थर
shabina. Naaz
माटी कहे पुकार
माटी कहे पुकार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ मोहल्ला ज़िंदा लोगों से बनता है। बस्ती तो मुर्दों की भी होत
■ मोहल्ला ज़िंदा लोगों से बनता है। बस्ती तो मुर्दों की भी होत
*Author प्रणय प्रभात*
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
अपनों को नहीं जब हमदर्दी
अपनों को नहीं जब हमदर्दी
gurudeenverma198
इंतिज़ार
इंतिज़ार
Shyam Sundar Subramanian
परिवर्तन विकास बेशुमार🧭🛶🚀🚁
परिवर्तन विकास बेशुमार🧭🛶🚀🚁
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
देखिए आप आप सा हूँ मैं
देखिए आप आप सा हूँ मैं
Anis Shah
मैं एक खिलौना हूं...
मैं एक खिलौना हूं...
Naushaba Suriya
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
Acharya Rama Nand Mandal
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
कवि दीपक बवेजा
धरी नहीं है धरा
धरी नहीं है धरा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
झुकाव कर के देखो ।
झुकाव कर के देखो ।
Buddha Prakash
प्रेम
प्रेम
पंकज कुमार कर्ण
Loading...