Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2017 · 1 min read

*** ये दिल ***

ये
दिल
भी
उन्ही
को
धोखा
देता
आया
है
जो
दिल
लगाते
हैं
वरना
दिमाग़
लगाने
वाले
तो
कभी
प्यार
ही
नहीं
किया
करते
हैं ।।

?मधुप बैरागी
कोई
भी
अमीर
पैसो
से
नहीं
हुआ
करता
दिल
से
आमिर
जो हैं
वो
कभी
गरीब
नहीं
हुआ
करते
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 501 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
Anand Kumar
डियर कामरेड्स
डियर कामरेड्स
Shekhar Chandra Mitra
कविताएँ
कविताएँ
Shyam Pandey
💐प्रेम कौतुक-237💐
💐प्रेम कौतुक-237💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
आप क्या ज़िंदगी को
आप क्या ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
"दिल कहता है"
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्ती
दोस्ती
Mukesh Kumar Sonkar
अन्धी दौड़
अन्धी दौड़
Shivkumar Bilagrami
माँ का निश्छल प्यार
माँ का निश्छल प्यार
Soni Gupta
थूंक पॉलिस
थूंक पॉलिस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पहाड़ पर कविता
पहाड़ पर कविता
Brijpal Singh
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
Happy sunshine Soni
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसाँ...नदियों को खाकर वो फूला नहीं समाता है
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसाँ...नदियों को खाकर वो फूला नहीं समाता है
अनिल कुमार
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
Tushar Jagawat
सफलता
सफलता
Paras Nath Jha
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
2905.*पूर्णिका*
2905.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सिर्फ पार्थिव शरीर को ही नहीं बल्कि जो लोग जीते जी मर जाते ह
सिर्फ पार्थिव शरीर को ही नहीं बल्कि जो लोग जीते जी मर जाते ह
पूर्वार्थ
सुरसरि-सा निर्मल बहे, कर ले मन में गेह।
सुरसरि-सा निर्मल बहे, कर ले मन में गेह।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैं पढ़ता हूं
मैं पढ़ता हूं
डॉ० रोहित कौशिक
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मन वैरागी हो गया
मन वैरागी हो गया
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कुदरत
कुदरत
manisha
*अगर संबंध अच्छे हैं, तो यह नुक्सान रहता है 【हिंदी गजल/गीतिक
*अगर संबंध अच्छे हैं, तो यह नुक्सान रहता है 【हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...