Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2016 · 1 min read

ये जीवन भी क्या हैं?

ये जीवन भी क्या हैं, कभी उत्थान तो कभी पतन,
कभी गूँज भरी किलकारियाँ, कभी मौत का निमंत्रण
कही लुटता हुआ धन हैं, कही घुटता हुआ मन,
कही हंसने पर पैसा हैं, कही रोना आजीवन !

– नीरज चौहान

Language: Hindi
5 Comments · 309 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रक्षा बन्धन पर्व ये,
रक्षा बन्धन पर्व ये,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
याद रे
याद रे
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मैं बंजारा बन जाऊं
मैं बंजारा बन जाऊं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
जय लगन कुमार हैप्पी
दीप शिखा सी जले जिंदगी
दीप शिखा सी जले जिंदगी
Suryakant Dwivedi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
Dr. Narendra Valmiki
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
*Author प्रणय प्रभात*
बसंत आने पर क्या
बसंत आने पर क्या
Surinder blackpen
जिनका हम जिक्र तक नहीं करते हैं
जिनका हम जिक्र तक नहीं करते हैं
ruby kumari
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*यह दौर गजब का है*
*यह दौर गजब का है*
Harminder Kaur
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
जिनके जानें से जाती थी जान भी मैंने उनका जाना भी देखा है अब
Vishvendra arya
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
कृष्णकांत गुर्जर
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
अंसार एटवी
महान क्रांतिवीरों को नमन
महान क्रांतिवीरों को नमन
जगदीश शर्मा सहज
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
एडमिन क हाथ मे हमर सांस क डोरि अटकल अछि  ...फेर सेंसर ..
एडमिन क हाथ मे हमर सांस क डोरि अटकल अछि ...फेर सेंसर .."पद्
DrLakshman Jha Parimal
बिन बोले ही  प्यार में,
बिन बोले ही प्यार में,
sushil sarna
कुछ
कुछ
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"मेरी नज्मों में"
Dr. Kishan tandon kranti
उत्कृष्ट सृजना ईश्वर की, नारी सृष्टि में आई
उत्कृष्ट सृजना ईश्वर की, नारी सृष्टि में आई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2946.*पूर्णिका*
2946.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"संगठन परिवार है" एक जुमला या झूठ है। संगठन परिवार कभी नहीं
Sanjay ' शून्य'
*झूठी शान चौगुनी जग को, दिखलाते हैं शादी में (हिंदी गजल/व्यं
*झूठी शान चौगुनी जग को, दिखलाते हैं शादी में (हिंदी गजल/व्यं
Ravi Prakash
समझना है ज़रूरी
समझना है ज़रूरी
Dr fauzia Naseem shad
Style of love
Style of love
Otteri Selvakumar
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
आर.एस. 'प्रीतम'
गाँव बदलकर शहर हो रहा
गाँव बदलकर शहर हो रहा
रवि शंकर साह
Loading...