Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2019 · 1 min read

ये आरजू नहीं है ,किसी को भुलाये हम —आर के रस्तोगी

ये आरजू नहीं है,किसी को भूलाये हम |
ना तमन्ना है किसी को रुलाये हम ||

पर दुआ है ख़ुदा से बस एक यही |
जिसको याद करते है,उसको याद आये हम ||

भुलाने को भूली जा सकती है ये दुनिया |
पर भूल कर भी न किसी को भूलाये हम ||

सताया है जितना हमे क्या भूल जाये हम |
करती हूँ इबादत ख़ुदा से,न वे सताये हम ||

बे बुलाये जो चले आते है,होता नहीं खैर मकदम |
खैर मकदम होगा तभी जब उनको बुलाये हम ||

अहसान कर उस बन्दे का जो खाता तेरे दस्तरखान पर |
ख़ुदा दे रस्तोगी को इतना जो सबको कहना खिलाये हम ||

आर के रस्तोगी

232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
समय के खेल में
समय के खेल में
Dr. Mulla Adam Ali
नए वर्ष की इस पावन बेला में
नए वर्ष की इस पावन बेला में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बहकी बहकी बातें करना
बहकी बहकी बातें करना
Surinder blackpen
प्यार की दिव्यता
प्यार की दिव्यता
Seema gupta,Alwar
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अंधविश्वास का पुल / DR. MUSAFIR BAITHA
अंधविश्वास का पुल / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
क्या....
क्या....
हिमांशु Kulshrestha
I don't care for either person like or dislikes me
I don't care for either person like or dislikes me
Ankita Patel
बाल कविता : बादल
बाल कविता : बादल
Rajesh Kumar Arjun
बेकारी का सवाल
बेकारी का सवाल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चालवाजी से तो अच्छा है
चालवाजी से तो अच्छा है
Satish Srijan
💐अज्ञात के प्रति-75💐
💐अज्ञात के प्रति-75💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
Tarang Shukla
सौ बरस की जिंदगी.....
सौ बरस की जिंदगी.....
Harminder Kaur
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अंकित के हल्के प्रयोग
अंकित के हल्के प्रयोग
Ms.Ankit Halke jha
** हद हो गई  तेरे इंकार की **
** हद हो गई तेरे इंकार की **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
Neeraj Agarwal
संत गाडगे संदेश 2
संत गाडगे संदेश 2
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अधूरे सवाल
अधूरे सवाल
Shyam Sundar Subramanian
2925.*पूर्णिका*
2925.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
■ सीधी बात...
■ सीधी बात...
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
Vindhya Prakash Mishra
तारों जैसी आँखें ,
तारों जैसी आँखें ,
SURYA PRAKASH SHARMA
तुम से ना हो पायेगा
तुम से ना हो पायेगा
Gaurav Sharma
Loading...