Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2017 · 1 min read

“यूँ ही कभी…”

यूँ ही कभी विगत स्मृतियों के संग,
बैठी चाय की चुस्की लेती,
विहगों को विराट अनन्त की ओर,
निरुद्देश्य बढ़ते देखती।

यूँ ही कभी विगत स्मृतियों के संग,
कुछ मधुर गुनगुने संगीत सुनती,
कुछ अनसुनी सी धुन की ओर,
मन को विचरते देखती।

यूँ ही कभी विगत स्मृतियों के संग,
गुलाबी ठंड में धूप की शाल ओढ़ती,
कुछ भूले बिसरे से खेल की ओर,
नौनिहालों को खेलते देखती।

यूँ ही कभी विगत स्मृतियों के संग,
बरबस ही ध्यानमग्न हो जाती,
यूँ ही कभी…. यूँ ही कभी….

…निधि…

Language: Hindi
1 Like · 544 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बात तब कि है जब हम छोटे हुआ करते थे, मेरी माँ और दादी ने आस
बात तब कि है जब हम छोटे हुआ करते थे, मेरी माँ और दादी ने आस
ruby kumari
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
*ये रिश्ते ,रिश्ते न रहे इम्तहान हो गए हैं*
Shashi kala vyas
एक तेरे प्यार का प्यारे सुरूर है मुझे।
एक तेरे प्यार का प्यारे सुरूर है मुझे।
Neelam Sharma
ये पांच बातें
ये पांच बातें
Yash mehra
मौन पर एक नजरिया / MUSAFIR BAITHA
मौन पर एक नजरिया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और      को छोड़कर
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और को छोड़कर
Rakesh Singh
मेरी बेटी मेरा अभिमान
मेरी बेटी मेरा अभिमान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
जिस प्रकार सूर्य पृथ्वी से इतना दूर होने के बावजूद भी उसे अप
जिस प्रकार सूर्य पृथ्वी से इतना दूर होने के बावजूद भी उसे अप
Sukoon
बच्चे आज कल depression तनाव anxiety के शिकार मेहनत competiti
बच्चे आज कल depression तनाव anxiety के शिकार मेहनत competiti
पूर्वार्थ
पुस्तकें
पुस्तकें
नन्दलाल सुथार "राही"
"इस्राइल -गाज़ा युध्य
DrLakshman Jha Parimal
जूते और लोग..,
जूते और लोग..,
Vishal babu (vishu)
जरूरी नहीं राहें पहुँचेगी सारी,
जरूरी नहीं राहें पहुँचेगी सारी,
Satish Srijan
💐प्रेम कौतुक-356💐
💐प्रेम कौतुक-356💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
कृतघ्न व्यक्ति आप के सत्कर्म को अपकर्म में बदलता रहेगा और आप
Sanjay ' शून्य'
ख्वाब आँखों में सजा कर,
ख्वाब आँखों में सजा कर,
लक्ष्मी सिंह
अतीत - “टाइम मशीन
अतीत - “टाइम मशीन"
Atul "Krishn"
*सरल हृदय श्री सत्य प्रकाश शर्मा जी*
*सरल हृदय श्री सत्य प्रकाश शर्मा जी*
Ravi Prakash
👍 काहे का दर्प...?
👍 काहे का दर्प...?
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन में चुनौतियां हर किसी
जीवन में चुनौतियां हर किसी
नेताम आर सी
जीवन के हर युद्ध को,
जीवन के हर युद्ध को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं चल रहा था तन्हा अकेला
मैं चल रहा था तन्हा अकेला
..
यह मेरी इच्छा है
यह मेरी इच्छा है
gurudeenverma198
कान खोलकर सुन लो
कान खोलकर सुन लो
Shekhar Chandra Mitra
"जल"
Dr. Kishan tandon kranti
अधूरी दास्तान
अधूरी दास्तान
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
किसको दोष दें ?
किसको दोष दें ?
Shyam Sundar Subramanian
प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद)
प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद)
Vijay kumar Pandey
Loading...