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16 Jun 2020 · 1 min read

यार

सबका है संसार में, स्वार्थपरक व्यवहार।
हमको वे ही ठग लिए, जिनको समझा यार।

जिनको समझा यार, हमें समझें अविवेकी।
सच में बड़ा गँवार, करे जो ज्यादा नेकी।

कह संजय कविराय, कुटिल है भारी तबका।
बैठा घात लगाय, बना व्यवहारी सबका।

संजय नारायण

8 Likes · 4 Comments · 623 Views
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