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22 Sep 2017 · 1 min read

याद न होती

इक बस तुमको पाया होता
जहां क़दम में सारा होता

यादें न होती नींद तो आती
ख़्वाब कोई तो चमका होता

हर मुश्किल आसां हो जाती
तुमने हाथ जो पकड़ा होता

मेरी अँधेरी शब में कभी तो
इक जुगनू ही चमका होता

तेरे दिल की डायरी का मैं
कोरा सही पर पन्ना होता

आरती लोहनी

1 Like · 332 Views
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