याद आने लगे
आज फिर तुम हमें याद आने लगे।
गीत फिर हम तुम्हारे ही गाने लगे।।
तुमने वादा किया था मिलेंगे कभी।
बस इसी आस में दिन बिताने लगे।।
जो मिलोगे कभी तो बताएंगे हम।
किस कदर बिन तेरे छटपटाने लगे।।
जब भी देखा कभी आईने में सनम।
आईना देख हम मुस्कुराने लगे।।
कर गये तन्हा क्यों तुम सदा के लिए।
‘कल्प’ को नींद में तुम सताने लगे।।
✍? अरविंद राजपूत ‘कल्प’