Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2021 · 1 min read

याद आते हैं निश्छल

निश्छल छल ने हर लिए,लेकर उनके प्राण।
अमर सदा जग में रहें,पाया है निर्वाण।।
पाया है निर्वाण,सदा वह याद रहेंगे।
पुण्य आत्म अवतार,सदा ही लोग कहेंगे।।
कहै अटल कविराय, दुखद हैं भारी ये पल।
कैसे भूलें हाय,याद आते हैं निश्छल।।

1 Like · 288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
ख़्बाब आंखों में बंद कर लेते - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
राज्य अभिषेक है, मृत्यु भोज
राज्य अभिषेक है, मृत्यु भोज
Anil chobisa
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
आनंद प्रवीण
🌹खूबसूरती महज....
🌹खूबसूरती महज....
Dr Shweta sood
सच तो फूल होते हैं।
सच तो फूल होते हैं।
Neeraj Agarwal
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Dr Parveen Thakur
"मतदान"
Dr. Kishan tandon kranti
कातिल
कातिल
Gurdeep Saggu
विजयी
विजयी
Raju Gajbhiye
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं ।
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं ।
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
💐प्रेम कौतुक-333💐
💐प्रेम कौतुक-333💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चक्षु द्वय काजर कोठरी , मोती अधरन बीच ।
चक्षु द्वय काजर कोठरी , मोती अधरन बीच ।
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
2708.*पूर्णिका*
2708.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुलसी युग 'मानस' बना,
तुलसी युग 'मानस' बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
इतना कभी ना खींचिए कि
इतना कभी ना खींचिए कि
Paras Nath Jha
चल सतगुर के द्वार
चल सतगुर के द्वार
Satish Srijan
*खिले जब फूल दो भू पर, मधुर यह प्यार रचते हैं (मुक्तक)*
*खिले जब फूल दो भू पर, मधुर यह प्यार रचते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
खुशी पाने की जद्दोजहद
खुशी पाने की जद्दोजहद
डॉ० रोहित कौशिक
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
gurudeenverma198
तुम जा चुकी
तुम जा चुकी
Kunal Kanth
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
subhash Rahat Barelvi
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
हमारी काबिलियत को वो तय करते हैं,
हमारी काबिलियत को वो तय करते हैं,
Dr. Man Mohan Krishna
“अनोखी शादी” ( संस्मरण फौजी -मिथिला दर्शन )
“अनोखी शादी” ( संस्मरण फौजी -मिथिला दर्शन )
DrLakshman Jha Parimal
अब उनकी आँखों में वो बात कहाँ,
अब उनकी आँखों में वो बात कहाँ,
Shreedhar
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
N.ksahu0007@writer
वाल्मिकी का अन्याय
वाल्मिकी का अन्याय
Manju Singh
#देसी ग़ज़ल
#देसी ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...