याद आते हैं निश्छल
निश्छल छल ने हर लिए,लेकर उनके प्राण।
अमर सदा जग में रहें,पाया है निर्वाण।।
पाया है निर्वाण,सदा वह याद रहेंगे।
पुण्य आत्म अवतार,सदा ही लोग कहेंगे।।
कहै अटल कविराय, दुखद हैं भारी ये पल।
कैसे भूलें हाय,याद आते हैं निश्छल।।
निश्छल छल ने हर लिए,लेकर उनके प्राण।
अमर सदा जग में रहें,पाया है निर्वाण।।
पाया है निर्वाण,सदा वह याद रहेंगे।
पुण्य आत्म अवतार,सदा ही लोग कहेंगे।।
कहै अटल कविराय, दुखद हैं भारी ये पल।
कैसे भूलें हाय,याद आते हैं निश्छल।।