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28 Mar 2018 · 1 min read

यादों में लौटता

न यह मन कचोटता है ।
न यह दिल ममोसता है ।
चलता था जो उजालों सँग ,
साँझ सँग वो जीवन लौटता है ।

क्या पाया क्या खोया ,
हाथ नही अब कुछ ।
जीवन सँग यादों के ,
बस यादों में लौटता है ।
….. विवेक दुबे”निश्चल”।।।

Language: Hindi
215 Views
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