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18 May 2021 · 1 min read

यादों के फूल

दिल है
धड़कता है
इसमें भरा
प्यार का सागर है
यह तो ऐसी
गागर है
तो छलकाती रहती
प्यार की अनगिनत बूंदों को
प्यार पर चलता
न किसी का
जोर है
दिल के दरवाजे और
खिड़कियां चाहे
कर लो
चारों तरफ से
कितने ही बंद
लेकिन अपनों की
जो याद है
वह इन
दरवाजे और खिड़कियों की
दरारों के
रास्तों से भी होकर
चली आती है
दिल की बगिया में
रोज ही
प्यार भरी
यादों के नये नये
फूल उगाती है
इनकी महक न हो कम
जब तक सांस में सांस रहे
मेरा प्यार
मेरे अपनों के लिए
कभी न हो कम
मेरे दिल में
सदा उनकी याद रहे।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 284 Views
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