Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2021 · 1 min read

यह तो कोई इंसाफ न हुआ …..

खता करे कोई और सजा किसी और को ,
यह तो कोई इंसाफ न हुआ ए परवरदिगार !

तेरे दरबार का दस्तूर कब से बदल गया ? ,
तू खामोश क्यों है बोल तो सही एक बार ।

गुनाह करे चंद कमजर्फ ,खुदगर्ज इंसान ,
सजा भुक्ते सारी कायनात क्यों हर बार ।

तेरी हसीन कुदरत को कर रहे जो बरबाद,
है तो असल में वही सजा के हकदार ।

यह जो खौफनाक बीमारी है सारे जहां में ,
तू जानता ही होगा कौन है जिम्मेदार ?

लाखों बच्चे यतीम हो गए देख तो जरा!
अब कौन उठायेगा इनकी परवरिश का भार ?

क्या इन मासूमों ने किया तेरा गुलशन तबाह ,
क्या अभागी बेवाएं,बेसहारा बुजुर्ग थे कसूरवार ?

जिन्होंने गुनाह किए उनका तो कुछ न बिगड़ा,
मगर बेकसूर आवाम पर हो रहे है बेवजह वार ।

इतनी तबाही देखकर भी इस तरह खामोश है तू ,
हम इंसान इंसाफ मांगने आए है तेरे दरबार ।

एक उम्मीद लेकर खुदा के पहलू में आए है ,
फैसला उसपर है”अनु” इंकार करेगा या इकरार।

5 Likes · 6 Comments · 502 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
वासना और करुणा
वासना और करुणा
मनोज कर्ण
प्रकाश परब
प्रकाश परब
Acharya Rama Nand Mandal
ना हो अपनी धरती बेवा।
ना हो अपनी धरती बेवा।
Ashok Sharma
दिखता नही किसी को
दिखता नही किसी को
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
रोजी रोटी
रोजी रोटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संघर्ष
संघर्ष
Shyam Sundar Subramanian
बेटियां एक सहस
बेटियां एक सहस
Tarun Singh Pawar
जीवन का रंगमंच
जीवन का रंगमंच
Harish Chandra Pande
हरे कृष्णा !
हरे कृष्णा !
MUSKAAN YADAV
अनुसंधान
अनुसंधान
AJAY AMITABH SUMAN
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मित्र तुम्हारा कृष्ण (कुंडलिया)
मित्र तुम्हारा कृष्ण (कुंडलिया)
Ravi Prakash
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
The_dk_poetry
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
Sonu sugandh
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
Harminder Kaur
Tera wajud mujhme jinda hai,
Tera wajud mujhme jinda hai,
Sakshi Tripathi
फूल और कांटे
फूल और कांटे
अखिलेश 'अखिल'
'व्यथित मानवता'
'व्यथित मानवता'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
* चान्दनी में मन *
* चान्दनी में मन *
surenderpal vaidya
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
क्या विरासत में
क्या विरासत में
Dr fauzia Naseem shad
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
*पूर्णिका*
*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
//एहसास//
//एहसास//
AVINASH (Avi...) MEHRA
विधवा
विधवा
Buddha Prakash
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
दुष्यन्त 'बाबा'
वर्णिक छंद में तेवरी
वर्णिक छंद में तेवरी
कवि रमेशराज
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
Amber Srivastava
💐कुड़ी तें लग री शाइनिंग💐
💐कुड़ी तें लग री शाइनिंग💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...