Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2016 · 1 min read

यह जीवन महावटवृक्ष है

यह जीवन महावटवृक्ष है
सोलह शृंगारों से संतृप्‍त
सोलह शृंगारों से अभिभूत है
देवता भी जिसके लिए लालायित
धरा पर यह वह कल्‍पवृक्ष है।
यह जीवन महावटवृक्ष है।।

सुख-दु:ख के हरित पीत पत्र
आशा का संदेश लिए पुष्‍पपत्र
माया-मोह का जटाजूट यत्र-तत्र
लोक-लाज, मर्यादा
कुटुम्‍ब, जीवन मरण,
अपने-पराये, सान्निध्‍य, संत-समागम

भूत-भविष्‍य में लिपटी आकांक्षा

जिस में छिपा जीवन का मर्म
उस गृहस्‍थाश्रम का यह वंशवृक्ष है।
यह जीवन महावटवृक्ष है।।

एक ब्रह्म
दो पक्ष निबन्‍ध
त्रिदेवों का अप्रतिम प्रबन्‍ध
चतुरानन की जीवन भक्ति
पंचमहाभूतों से निर्मित मानवशक्ति
षड्-रिपु से संलिप्‍त देह आसक्ति
सप्‍तऋषियों से प्रकाशित भूमंडल चराचर
अष्‍टांग योग का प्रभविष्‍णु कवचधर
नवग्रहों के आशीष का यह दशकुलवृक्ष है।
यह जीवन महावटवृक्ष है।।

पुराण, उपनिषद्, वेद, ब्राह्मण, दर्शन
,
ब्रह्मांड का अनसूय प्रतीक
धरा का एक अनोखा अवतार
सहस्‍त्र रश्मियों से निखर
प्रकृति की गोद में पल्‍लवित
ऋतुओं के समागम और
रत्‍ननिधि का अमूल्‍य रत्‍नजित
कोटि-कोटि आशीीष से परिपूर्ण
देव भी अवतारित हुए लिए शरीर
कर्म से हुआ भले ही जर्जर
संस्‍कारों से बना प्रवीण
सहस्‍त्रबाहुओं में निबद्ध महाशक्तिशाली
यह कमल कुल वल्‍लभ का लक्ष्‍य है।
अंत:सलिला के प्रवाह से अजस्र
झूमता फलता-फूलता तटवृक्ष है।
यह जीवन महावटवृक्ष है।।

Language: Hindi
1 Comment · 328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
ओसमणी साहू 'ओश'
ऐसे हैं हमारे राम
ऐसे हैं हमारे राम
Shekhar Chandra Mitra
फिर पर्दा क्यूँ है?
फिर पर्दा क्यूँ है?
Pratibha Pandey
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
Shyam Sundar Subramanian
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
स्त्री का प्रेम ना किसी का गुलाम है और ना रहेगा
स्त्री का प्रेम ना किसी का गुलाम है और ना रहेगा
प्रेमदास वसु सुरेखा
ये कैसा घर है. . .
ये कैसा घर है. . .
sushil sarna
प्यासा मन
प्यासा मन
नेताम आर सी
चुनाव 2024
चुनाव 2024
Bodhisatva kastooriya
धरती का बेटा
धरती का बेटा
Prakash Chandra
शिक्षक की भूमिका
शिक्षक की भूमिका
Rajni kapoor
मेरी शायरी
मेरी शायरी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*शक्ति दो भवानी यह वीरता का भाव बढ़े (घनाक्षरी: सिंह विलोकित
*शक्ति दो भवानी यह वीरता का भाव बढ़े (घनाक्षरी: सिंह विलोकित
Ravi Prakash
ज्योति कितना बड़ा पाप तुमने किया
ज्योति कितना बड़ा पाप तुमने किया
gurudeenverma198
तेरी चाहत हमारी फितरत
तेरी चाहत हमारी फितरत
Dr. Man Mohan Krishna
सुप्रभात गीत
सुप्रभात गीत
Ravi Ghayal
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बाल कविता: हाथी की दावत
बाल कविता: हाथी की दावत
Rajesh Kumar Arjun
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
डॉ.सीमा अग्रवाल
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
Phool gufran
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
3241.*पूर्णिका*
3241.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज बहुत याद करता हूँ ।
आज बहुत याद करता हूँ ।
Nishant prakhar
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
Neeraj Agarwal
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
#यदा_कदा_संवाद_मधुर, #छल_का_परिचायक।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
SC/ST HELPLINE NUMBER 14566
SC/ST HELPLINE NUMBER 14566
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हिंदी माता की आराधना
हिंदी माता की आराधना
ओनिका सेतिया 'अनु '
राखी है अनमोल बहना की ?
राखी है अनमोल बहना की ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...