Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2020 · 1 min read

यही ना के फिर शाम होने वाली है

यही ना के फिर शाम होने वाली है
एक और गमगीन रात तेरे नाम होने वाली है

तुझे तो मोहब्बतों के ख्वाब आते होंगे
मेरी तो नींद तक हराम होने वाली है

आज फुर्सत से लिख रहा हुं तुझको
आज मेरी गजल तमाम होने वाली है

आज तो तनहा बहुत खुश हुं मैं
आज तनहाई बदनाम होने वाली है

2 Comments · 182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ आज की सलाह...
■ आज की सलाह...
*Author प्रणय प्रभात*
Love is
Love is
Otteri Selvakumar
"छिन्दवाड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
होली की मुबारकबाद
होली की मुबारकबाद
Shekhar Chandra Mitra
मार   बेरोजगारी   की   सहते  रहे
मार बेरोजगारी की सहते रहे
अभिनव अदम्य
जिन्दगी ....
जिन्दगी ....
sushil sarna
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
आकाश महेशपुरी
నేటి ప్రపంచం
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तो क्या हुआ
तो क्या हुआ
Sûrëkhâ Rãthí
मेरी फितरत में नहीं है हर किसी का हो जाना
मेरी फितरत में नहीं है हर किसी का हो जाना
Vishal babu (vishu)
आप जब हमको दिखते हैं
आप जब हमको दिखते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
-अपनो के घाव -
-अपनो के घाव -
bharat gehlot
अनंतनाग में शहीद हुए
अनंतनाग में शहीद हुए
Harminder Kaur
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
Don’t wait for that “special day”, every single day is speci
पूर्वार्थ
अजीब होता है बुलंदियों का सबब
अजीब होता है बुलंदियों का सबब
कवि दीपक बवेजा
Jay prakash dewangan
Jay prakash dewangan
Jay Dewangan
खुशी(👇)
खुशी(👇)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मीठा गान
मीठा गान
rekha mohan
*सुप्रसिद्ध हिंदी कवि  डॉक्टर उर्मिलेश ः कुछ यादें*
*सुप्रसिद्ध हिंदी कवि डॉक्टर उर्मिलेश ः कुछ यादें*
Ravi Prakash
2546.पूर्णिका
2546.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जला दो दीपक कर दो रौशनी
जला दो दीपक कर दो रौशनी
Sandeep Kumar
💐अज्ञात के प्रति-73💐
💐अज्ञात के प्रति-73💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जज़्बात-ए-दिल
जज़्बात-ए-दिल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
वृक्ष बन जाओगे
वृक्ष बन जाओगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
Atul "Krishn"
कविता बाजार
कविता बाजार
साहित्य गौरव
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
SPK Sachin Lodhi
शायर तो नहीं
शायर तो नहीं
Bodhisatva kastooriya
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
Loading...