यही तो हमारा हिंदुस्तान है
हजारो रंग जहां मानवता के
सैकड़ो बोलियां भाषाएं हैं
विभिन्न जाति धर्मों का संगम स्थल
नई प्राचीन विविध अलौकिक सभ्यताएं हैं
कई नाम है इस मिट्टी के
एकता, सहिष्णुता ,भाईचारा ,स्वतंत्रता , पंथनिरपेक्षता आदि इसकी उपमाएं हैं
तीन मौलिक भावनाएं समेटे हुए
राष्ट्रध्वज तिरंगा जिसकी पहचान है
यही तो हमारा हिंदुस्तान है
यहां राजस्थान की मिट्टी है
जहां महाराणा प्रताप हुए
दुश्मनों का सीना चीरा
ऐसे मराठा छत्रपति शिवाजी महाराज हुए
झुकना जिसने माना नहीं ,ऐसी स्वाभिमानी थी
स्वयं त्याग दिए प्राण रण में , वह झांसी की रानी थी
स्वतंत्रता के खातिर
लाखो बेटों ने शीश चढ़ाए थे
कितनों ने जेलों में गुजारी अपनी जवानी थी
हंसते-हंसते झूल गए फांसी पर
आजादी के दीवाने
स्वतंत्रता संघर्ष की आहुति में
कितने ही बोस , प्रसाद हुए
फिरंगियों की बुनियाद हिला दी
ऐसे चंद्रशेखर आजाद हुए
जो कर ना पाए गोली बंदूके
बारूद , कटार और तलवारों ने
अहिंसा के मार्ग पर चलकर
वह कर दिखलाया गांधी बापू ने
आज यह जो आजादी है
सिर पर खुला नीला आसमान है
यह उन्हीं देशभक्त क्रांतिकारियों का बलिदान है
यही तो हमारा हिंदुस्तान है
गलियारों , बाजारों में रौनक आ जाती है
जब क्रिसमस, होली ,दिवाली ,ईद आती है
जब कुर्बत में कोई मां कहीं नौकरानी बन जाती है
तब कहीं घर का पेट और परिवार का तन ढाक पाती है
जहां कहीं कोई नारी आबरु बचाने को बिनतियां जानाति है
भीड़ तमाशबीन बन कर देखती रह जाती है
पढ़ने की उम्र में बालक, बालिकाए जहां
रद्दी बीनकर ,बेचकर दो वक्त की रोटी कमााती है
जिस देश की एक चौथाई आबादी
गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिताती है
फिर भी चेहरों पर मुस्कान है
दिल में एक ही भावना ,मेरा भारत महान है
यही तो हमारा हिंदुस्तान है
यहां झूमकर सावन आता
प्यार भरे गीत मयूर गाता
प्रियसी के होंठों की लाली से लगती
किसान को खेती की हरियाली
कहीं फूलों पर तितलियां मडराई
आम पर बौर आगए
कहीं उछलता कूदता बचपन है तो
जैसे कल -कल -कल बहता नदियों का पानी
मां के अंचल सी लगती पेड़ों की छाया
फसलों को सहलाते हुए
देखो कहीं से बसंत आया
हंसी ठिठोली धमाचौकड़ी करने का यह बहाना है
अभी फागुन को तो आना है
सभी मौसम रितुए यहां की मेहमान है
यही तो हमारा हिंदुस्तान है
यही तो हमारा हिंदुस्तान है