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22 Feb 2021 · 1 min read

यहां वहां, जहां तहां, —- (घनाक्षरी)

यहां वहां जहां तहां, नहीं कहां कहां गया।
दया कब किसी को तो, मुझपर आई है।।
करूं भलाई की बात,नहीं देता कोई साथ।
बात कब यहां मेरी,किसी को सुहाई है ।।
कहने को भाई कहे,दूर दूर सभी रहे।
कभी कभी सोचा करूं,यह कैसे भाई है।।
रहूं देता मै दुहाई, पीर हरना पराई।
सभी के लिए ही यह,दुनियां बनाई है।।
राजेश व्यास अनुनय

3 Likes · 2 Comments · 406 Views
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