Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2019 · 1 min read

मौत को गले लगाते हुए

एक कतरा ना बचा तन का साथियों
इस वतन की जमीं को बचाते हुए
याद रखना हमें तुस से है ये इल्तिजा
कह रही है यही आखिरी सांस जाते हुए

रोज जीते हैं हम,रोज मरते यहाँ
मौत से भी भला हम देखो डरते कहाँ
अपने आंचल में हमको सुलाती है माँ
ऐसी माँ के लिए छोड़कर चले हम जहाँ

चैन हमको मिले ये करना दुआ साथियों
प्यार से अपनी माँ के गोद में समाते हुए
याद रखना…………
कह रही………….

जान हथेली पर लिए हम तो चले आसमां
हर घड़ी याद आते हो तुम हमें मेहरबां
मिट गए वक्त की रेत पर अब सारे निशां
रुह बनके सदा हम करेंगे खुद को बयां

मर के भी जो हिफाजत की रहेगी सदा साथियों
आंख में ना हो आंसू फर्ज निभाते हुए
याद रखना……………….
कह रही……………..

मौत से भी मोहब्बत निभायेंगे हम जालिमां
हमारे लहू से लहरायेगी फिर नयी फसल जवां
यूहीं मुस्कुराता रहे इस सरजमीं का बागबां
अब तो चलते हैं लेकर हम मौत का कारवां

इन हंसी वादियों को नजर ना लगे साथियों
चाहे आ जाए कोई भी कहर गिराते हुए
याद रखना………….
कह रही……………..

पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग.

Language: Hindi
3 Likes · 255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविता
कविता
Rambali Mishra
प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
काव्य में सहृदयता
काव्य में सहृदयता
कवि रमेशराज
सरस्वती बंदना
सरस्वती बंदना
Basant Bhagawan Roy
सच तो ये भी है
सच तो ये भी है
शेखर सिंह
*कुंडी पहले थी सदा, दरवाजों के साथ (कुंडलिया)*
*कुंडी पहले थी सदा, दरवाजों के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहा त्रयी . . . .
दोहा त्रयी . . . .
sushil sarna
बहू हो या बेटी ,
बहू हो या बेटी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
"रिश्ते की बुनियाद"
Dr. Kishan tandon kranti
भगतसिंह ने कहा था
भगतसिंह ने कहा था
Shekhar Chandra Mitra
तुम गंगा की अल्हड़ धारा
तुम गंगा की अल्हड़ धारा
Sahil Ahmad
संभव भी असम्भव
संभव भी असम्भव
Dr fauzia Naseem shad
सच में कितना प्यारा था, मेरे नानी का घर...
सच में कितना प्यारा था, मेरे नानी का घर...
Anand Kumar
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
ओसमणी साहू 'ओश'
Wishing power and expectation
Wishing power and expectation
Ankita Patel
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
"बहरे होने का अपना अलग ही आनंद है साहब!
*Author प्रणय प्रभात*
एक बार फिर ।
एक बार फिर ।
Dhriti Mishra
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐प्रेम कौतुक-245💐
💐प्रेम कौतुक-245💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उनके ही नाम
उनके ही नाम
Bodhisatva kastooriya
देख कर उनको
देख कर उनको
हिमांशु Kulshrestha
दुनियां की लिहाज़ में हर सपना टूट के बिखर जाता है
दुनियां की लिहाज़ में हर सपना टूट के बिखर जाता है
'अशांत' शेखर
माँ
माँ
Er. Sanjay Shrivastava
The wrong partner in your life will teach you that you can d
The wrong partner in your life will teach you that you can d
पूर्वार्थ
*मां चंद्रघंटा*
*मां चंद्रघंटा*
Shashi kala vyas
क़यामत
क़यामत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
मातृ दिवस
मातृ दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...