Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2021 · 1 min read

मौत के बाद यूँ ज़िन्दगी रहे

मैं रहूँ ना रहूँ शा’इरी रहे
मौत के बाद यूँ ज़िन्दगी रहे

नेकियाँ ओ वफ़ाएँ रहें सदा
यूँ जहाँ में मेरी बन्दगी रहे

शाम हो हुस्न की वादियों में ज्यों
तेरी आँखों में यों, आशिक़ी रहे

साक़िया मैं कहूँ क्या, नशे में हूँ
ज़िक्र तेरा रहे, मयकशी रहे

•••

3 Likes · 2 Comments · 205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
निंदा
निंदा
Dr fauzia Naseem shad
शक्ति स्वरूपा कन्या
शक्ति स्वरूपा कन्या
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
The_dk_poetry
*बुरे फँसे कवयित्री पत्नी पाकर (हास्य व्यंग्य)*
*बुरे फँसे कवयित्री पत्नी पाकर (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
जय महादेव
जय महादेव
Shaily
जमाने की साजिशों के आगे हम मोन खड़े हैं
जमाने की साजिशों के आगे हम मोन खड़े हैं
कवि दीपक बवेजा
संगीत
संगीत
Vedha Singh
ज़िंदगी एक जाम है
ज़िंदगी एक जाम है
Shekhar Chandra Mitra
नेपालीको गर्व(Pride of Nepal)
नेपालीको गर्व(Pride of Nepal)
Sidhartha Mishra
"बेकसूर"
Dr. Kishan tandon kranti
,,,,,,,,,,,,?
,,,,,,,,,,,,?
शेखर सिंह
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
Dr Manju Saini
श्रृंगारिक दोहे
श्रृंगारिक दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
Harminder Kaur
अपनेपन की रोशनी
अपनेपन की रोशनी
पूर्वार्थ
💐 Prodigy Love-33💐
💐 Prodigy Love-33💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
Subhash Singhai
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
अजहर अली (An Explorer of Life)
"सुनो एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
मुक्तक
मुक्तक
Mahender Singh
अँधेरे में नहीं दिखता
अँधेरे में नहीं दिखता
Anil Mishra Prahari
2939.*पूर्णिका*
2939.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हारे  रंग  में  हम  खुद  को  रंग  डालेंगे
तुम्हारे रंग में हम खुद को रंग डालेंगे
shabina. Naaz
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर
नूरफातिमा खातून नूरी
आगाह
आगाह
Shyam Sundar Subramanian
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
Dr MusafiR BaithA
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
Rj Anand Prajapati
भ्रात-बन्धु-स्त्री सभी,
भ्रात-बन्धु-स्त्री सभी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...