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10 Oct 2018 · 1 min read

मोह

मोह की वजह हैं हजार
मोह ने लूट लिया सब घर द्वार
मोह ने खींचा सब को अपनी ओर
न दिन रात रहे न फिर हुई भौर !!

मोह में फस कर लूट गया सब
मोह में फिर भी रहे ताने हजार
मोह के धागे बड़े कच्चे हैं यहाँ
मोह का व्यापार है मतलब तक मेरे यार !!

मोह करने से क्या होगा
मोह ने किया अपना स्वार्थ सिद्ध
मोह में फसा तो उजाड़ गयी दुनिया
मोह ने फसा के किया घर से बाहर मेरे यार !!

मोह तब तक चला , जब तक
मोह ने खींच न लिया घर व्यापार
मोह ने पलटा पासा अपना शतरंज की तरह
मोह की वजह से चारो खाने चित पड़ा मेरा यार !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
2 Likes · 371 Views
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