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20 Oct 2017 · 1 min read

मोहब्बत निर्मल गंगा जल ….

मोहब्बत एक गंगा जल, सी निर्मल कहानी है!

जो पी गया कबीरा, मीरा भी दीवानी है !

नदिया लाख मिला ले समंदर अपने में, प्यास किसी एक की पर कहां बुझाता है!

मोहब्बत में मजिंल पाना, आसां नहीं होता !

मिलीं जिन्हे मंजिलें, लगानी पड़ी जवानी है!

मोहब्बत खेल नहीं होता,जिसकी जीत ही
मंजिल है !

एे तो हार के भी,दिलों को जीत लेती है!!₹

रंजीत घोसी

Language: Hindi
215 Views
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