Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2020 · 1 min read

अधूरा मिलन

उसके चिकने संगमरमर
से बदन पर
उंगलियां ऐसे फिसली
जैसे मक्खन से
निकली हो बिजली
उसके लबों से
अपने लबों में लंबी
गहरी सांस लेकर
हमने सोचा
चलो ना कह दें……

उसकी यादों को
अपने दिल में सजाकर
उसको अपने
सामियानें
पर बुलाकर
हरेक वस्त्र ऐसे
निकाला
जैसे गहरे सागर से
निकली हो मछली
शर्दी के मौसम में
उसके ज़िस्म की गर्मी से
अलाब जलाकर
हमने सोचा
चलो ना कह दें……….

उसकी नशीली नजरों के
पैमाने
घूँट घूँट पिये
उसके हुश्न के
नशे में लड़खड़ाते हुए
उसकी कमर
से संबल किया
कमर से नीचे पिसलते हुए
हमने सोचा
चलो ना कह दें…

उसकी चढ़ी हुई
गर्म साँसे
और इन्तजार में झुकी
बेबस पलकें
बदन को ऐसे घूरीं
जैसे नागिन की
निकली हो कंचली
आदि के आगोश में
पुंछल तारा गिरते हुए
हमने सोचा
चलो ना कह दें ।

बेबफ़ा को
बेबफ़ाई की सौगात तो
चाहते थे देना
मगर उसकी मजबूरी ने
बना दिया फिर से
उसका दीवाना
उसका लक्ष्य आसमाँ था
और हम थे
मिट्टी जमीं की
उसके बदन को
रेत से लपेटते हुए
हमने सोचा चलो
ना कह दें….

Language: Hindi
686 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
हम शायर लोग कहां इज़हार ए मोहब्बत किया करते हैं।
हम शायर लोग कहां इज़हार ए मोहब्बत किया करते हैं।
Faiza Tasleem
I am Cinderella
I am Cinderella
Kavita Chouhan
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में.
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में.
कवि दीपक बवेजा
*ख़ास*..!!
*ख़ास*..!!
Ravi Betulwala
सीसे में चित्र की जगह चरित्र दिख जाए तो लोग आइना देखना बंद क
सीसे में चित्र की जगह चरित्र दिख जाए तो लोग आइना देखना बंद क
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
मोहमाया के जंजाल में फंसकर रह गया है इंसान
मोहमाया के जंजाल में फंसकर रह गया है इंसान
Rekha khichi
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
माँ की दुआ इस जगत में सबसे बड़ी शक्ति है।
माँ की दुआ इस जगत में सबसे बड़ी शक्ति है।
लक्ष्मी सिंह
हर वक़्त तुम्हारी कमी सताती है
हर वक़्त तुम्हारी कमी सताती है
shabina. Naaz
■ जयंती पर नमन्
■ जयंती पर नमन्
*Author प्रणय प्रभात*
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
रुपयों लदा पेड़ जो होता ,
रुपयों लदा पेड़ जो होता ,
Vedha Singh
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
Phool gufran
__________सुविचार_____________
__________सुविचार_____________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
* हाथ मलने लगा *
* हाथ मलने लगा *
surenderpal vaidya
"रिश्ते की बुनियाद"
Dr. Kishan tandon kranti
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
मन की बातें , दिल क्यों सुनता
मन की बातें , दिल क्यों सुनता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2484.पूर्णिका
2484.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"कोहरा रूपी कठिनाई"
Yogendra Chaturwedi
शायरी की तलब
शायरी की तलब
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
उलझ नहीं पाते
उलझ नहीं पाते
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कड़वी  बोली बोल के
कड़वी बोली बोल के
Paras Nath Jha
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*”ममता”* पार्ट-1
*”ममता”* पार्ट-1
Radhakishan R. Mundhra
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
एक लेख...…..बेटी के साथ
एक लेख...…..बेटी के साथ
Neeraj Agarwal
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
Ranjeet kumar patre
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पर्यायवरण (दोहा छन्द)
पर्यायवरण (दोहा छन्द)
नाथ सोनांचली
Loading...