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26 Mar 2021 · 1 min read

मोहब्बत का पेड़

अन्ततः
यह दुनिया का घर तो
छोड़ना ही पड़ेगा
मोह के बंधन को काटकर
एक अलौकिक दुनिया से
रिश्ता जोड़ना ही पड़ेगा
यह जीवन तो चलता रहेगा
इस समय भी और
मरने के बाद
उस समय भी
न अब कुछ समझ आता है
न ही बाद में आयेगा
लेकिन दिल में जो
प्रेम का एक बीज
बोया है वह
अपना रूप रंग बदलकर
मोहब्बत का एक विशाल पेड़
बनकर
इस जन्म या
उस जन्म
इस दुनिया या
उस दुनिया में
फल फूल
धन धान्य
सुख संपदा
ऐश्वर्य
खुशियों का खजाना
राहगीर को छाया
परिंदों को आशियाना तो
हमेशा की तरह ही
प्रदान करता रहेगा।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
434 Views
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