Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2017 · 1 min read

मोहबत एेसी पूजा है …

मोहबत एेसी पूजा है, मोहबत सा नहीं दूजा
एे तो एेसी दौलत है, एे तो एेसी सोहरत है
मिल जाये जिंनहे, खुदा की इबादत है
मोहबत दरद मे भी,सुंकु एहसास देती है
मोहबत विष के पयाले को,अमृत सा वनाती है
मोहबत पाक सचची हो,तो मीरा सा बनाती है
एे तो एेसी नेमत है ,किसी को मिल ही जाती है
मोहबत मॉ की ममता मे,ईशर को दिखाती है
पिलाके दूध छाती से,खुद सूख जाती है.

Language: Hindi
418 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रख धैर्य, हृदय पाषाण  करो।
रख धैर्य, हृदय पाषाण करो।
अभिनव अदम्य
बीमार समाज के मसीहा: डॉ अंबेडकर
बीमार समाज के मसीहा: डॉ अंबेडकर
Shekhar Chandra Mitra
एतबार कर मुझपर
एतबार कर मुझपर
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
Anil Mishra Prahari
पंचगव्य
पंचगव्य
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
The_dk_poetry
चलो चलाए रेल।
चलो चलाए रेल।
Vedha Singh
सिर्फ लिखती नही कविता,कलम को कागज़ पर चलाने के लिए //
सिर्फ लिखती नही कविता,कलम को कागज़ पर चलाने के लिए //
गुप्तरत्न
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Agarwal
कर्त्तव्य
कर्त्तव्य
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"खामोशी की गहराईयों में"
Pushpraj Anant
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हर बात को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है
हर बात को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है
पूर्वार्थ
चाहे जितना तू कर निहां मुझको
चाहे जितना तू कर निहां मुझको
Anis Shah
नए दौर का भारत
नए दौर का भारत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नाम इंसानियत का
नाम इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-549💐
💐प्रेम कौतुक-549💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
3012.*पूर्णिका*
3012.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पलकों ने बहुत समझाया पर ये आंख नहीं मानी।
पलकों ने बहुत समझाया पर ये आंख नहीं मानी।
Rj Anand Prajapati
रिश्ते (एक अहसास)
रिश्ते (एक अहसास)
umesh mehra
हसीब सोज़... बस याद बाक़ी है
हसीब सोज़... बस याद बाक़ी है
अरशद रसूल बदायूंनी
रहती है किसकी सदा, मरती मानव-देह (कुंडलिया)
रहती है किसकी सदा, मरती मानव-देह (कुंडलिया)
Ravi Prakash
इम्तिहान
इम्तिहान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
यह आज है वह कल था
यह आज है वह कल था
gurudeenverma198
*तुम  हुए ना हमारे*
*तुम हुए ना हमारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सम्पूर्ण सनातन
सम्पूर्ण सनातन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
एक रावण है अशिक्षा का
एक रावण है अशिक्षा का
Seema Verma
ये वक्त कुछ ठहर सा गया
ये वक्त कुछ ठहर सा गया
Ray's Gupta
मेरे पापा
मेरे पापा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...