Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2021 · 1 min read

मोर्चा के जाल

पद कम है नेता ज्यादा हैं ,एहलिये मोरचा बनाइ दिया।
अध्यक्ष बनके रुआब बनाव, एक घुनघुना पकड़ाइ दिया।
पकड़ पकड़ के नेता आवें सत्ताधारी पद पकड़ावें,
सबके खुश करे के खातिर ,मोर्चा के जाल बिछाइ दिया।
ऊपर से देखा भैया ,यूथ ब्रिगेड बन गइल।
निकम्मा जुआ नेता कामरेड बन गइल।
और कवन कवन सभा बनाई के ,आपन नाम हसाइ दिया।
सबके खुश करे के खातिर, मोर्चा के जाल बिछाइ दिया।
जेतनी जाति बा उतना मोरचा।
ना बा उनके विकास के चरचा।
जाति -धरम के चक्कर मे लोगवा, आपन इज्जत गवाइ दिया।
सबके खुश करे के खातिर ,मोर्चा के जाल बिछाइ दिया।
-सिद्धार्थ

Language: Hindi
Tag: गीत
283 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
The life of an ambivert is the toughest. You know why? I'll
The life of an ambivert is the toughest. You know why? I'll
नव लेखिका
*
*"मुस्कराहट"*
Shashi kala vyas
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मस्ती का त्यौहार है,  खिली बसंत बहार
मस्ती का त्यौहार है, खिली बसंत बहार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मन बड़ा घबराता है
मन बड़ा घबराता है
Harminder Kaur
दूसरों की आलोचना
दूसरों की आलोचना
Dr.Rashmi Mishra
*अकेलेपन की साथी, पुस्तकें हैं मित्र कहलातीं【मुक्तक】*
*अकेलेपन की साथी, पुस्तकें हैं मित्र कहलातीं【मुक्तक】*
Ravi Prakash
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
साँझ ढली पंछी चले,
साँझ ढली पंछी चले,
sushil sarna
"तलाश"
Dr. Kishan tandon kranti
आब दाना
आब दाना
Satish Srijan
मानवीय संवेदना बनी रहे
मानवीय संवेदना बनी रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
पघारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
पघारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
यूॅं बचा कर रख लिया है,
यूॅं बचा कर रख लिया है,
Rashmi Sanjay
'समय की सीख'
'समय की सीख'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ज़रूरत के तकाज़ो
ज़रूरत के तकाज़ो
Dr fauzia Naseem shad
जरूरत से ज्यादा
जरूरत से ज्यादा
Ragini Kumari
रात हुई गहरी
रात हुई गहरी
Kavita Chouhan
मातृभूमि
मातृभूमि
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आइसक्रीम के बहाने
आइसक्रीम के बहाने
Dr. Pradeep Kumar Sharma
“ हमारा फेसबूक और हमरा टाइमलाइन ”
“ हमारा फेसबूक और हमरा टाइमलाइन ”
DrLakshman Jha Parimal
रिश्ता
रिश्ता
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Vaishali Verma
*** होली को होली रहने दो ***
*** होली को होली रहने दो ***
Chunnu Lal Gupta
2935.*पूर्णिका*
2935.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-417💐
💐प्रेम कौतुक-417💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Ye sham adhuri lagti hai
Ye sham adhuri lagti hai
Sakshi Tripathi
गिव मी सम सन शाइन
गिव मी सम सन शाइन
Shekhar Chandra Mitra
सुनो प्रियमणि!....
सुनो प्रियमणि!....
Santosh Soni
Loading...