Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2019 · 1 min read

मै भी तो बेटी हूँ

कपूर साहब के यहां चल रही पार्टी पूरे सबाब पर थी, शहर के नामी गिरामी लोग इसमें उपस्थित थे, और हो भी क्यों न, कपूर साहब की इकलौती बेटी की इंगेजमेंट पार्टी जो थी।

हल्की आवाज में बज रहे रोमांटिक गानों ने पूरे माहोल को रंगीन बना दिया था और रही सही कसर को विदेशी शराब ओर उसे परोस रही खूबसूरत लड़कियां पूरा कर रही थी।

शराब और अमीरी का नशा सबके सर चढ़ कर बोल रहा था…… तभी चटाक् ……. चटाक् …….चटाक् ….. की आवाज से महफिल में सन्नाटा छा गया।

एक जगह कुछ लोग जमा थे, पास जाकर देखा तो कपूर साहब अपना गाल सहला रहे थे।
….
“अरे क्या हुआ कपूर साहब ?” -शर्मा जी ने खींसे निपोरते हुए कहा।

“जी कुछ नही…”

“ये कुछ नही बताएंगे आप लोगों को, मैं बताती हूँ .. ” – ड्रिंक सर्व करने वाली एक लड़की ने कहा।

“तू चुप कर और निकल यहाँ से, दो कौड़ी की लड़की ” – कपूर साहब दहाड़े

“क्यों चुप रहूँ मैं, हाँ मै हूँ दो कौड़ी की, अरे साहब ! मैं आप लोगों को शराब परोसती हूं वह मेरी मजबूरी है … मेरी माँ बिस्तर पर पड़ी है उसकी दवा….. छोटे भाई की पढ़ाई ….. और सबसे बड़ा यह पापी पेट … ये मजबूरी है मेरी …. मैं शराब जरूर परोसती लेकिन अपना जिस्म नहीं, अब इन जेसे लोगो को कौन समझाए कि मैं भी एक बेटी है उनकी न सही किसी और की.”……….

Language: Hindi
1 Like · 376 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विनम्रता
विनम्रता
Bodhisatva kastooriya
जिंदगी रूठ गयी
जिंदगी रूठ गयी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भगवत गीता जयंती
भगवत गीता जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं तो महज क़ायनात हूँ
मैं तो महज क़ायनात हूँ
VINOD CHAUHAN
ये ज़िंदगी.....
ये ज़िंदगी.....
Mamta Rajput
फितरत बदल रही
फितरत बदल रही
Basant Bhagawan Roy
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
शिव प्रताप लोधी
🙅बड़ा सच🙅
🙅बड़ा सच🙅
*Author प्रणय प्रभात*
अब कभी तुमको खत,हम नहीं लिखेंगे
अब कभी तुमको खत,हम नहीं लिखेंगे
gurudeenverma198
की हरी नाम में सब कुछ समाया ,ओ बंदे तो बाहर क्या देखने गया,
की हरी नाम में सब कुछ समाया ,ओ बंदे तो बाहर क्या देखने गया,
Vandna thakur
*मैं भी कवि*
*मैं भी कवि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कौन जिम्मेदार इन दीवार के दरारों का,
कौन जिम्मेदार इन दीवार के दरारों का,
कवि दीपक बवेजा
नैनों के अभिसार ने,
नैनों के अभिसार ने,
sushil sarna
🌺प्रेम कौतुक-191🌺
🌺प्रेम कौतुक-191🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आहटें।
आहटें।
Manisha Manjari
जामुनी दोहा एकादश
जामुनी दोहा एकादश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
Dr. Man Mohan Krishna
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जनपक्षधरता के कालजयी कवि रमेश रंजक :/-- ईश्वर दयाल गोस्वामी
जनपक्षधरता के कालजयी कवि रमेश रंजक :/-- ईश्वर दयाल गोस्वामी
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
आज भी अधूरा है
आज भी अधूरा है
Pratibha Pandey
"नंगे पाँव"
Pushpraj Anant
श्री राम जी अलौकिक रूप
श्री राम जी अलौकिक रूप
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
--शेखर सिंह
--शेखर सिंह
शेखर सिंह
प्रार्थना के स्वर
प्रार्थना के स्वर
Suryakant Dwivedi
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
manjula chauhan
"इसलिए जंग जरूरी है"
Dr. Kishan tandon kranti
हर शायर जानता है
हर शायर जानता है
Nanki Patre
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
Anil chobisa
Loading...