Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2016 · 1 min read

मै तुम्हे कैसे बताउ/मंदीप

मै तुम्हे कैसे बताऊ/मंदीप

है तुम से कितनी चाहत मै तुम्हे कैसे बताऊ।
करता दिल मेरा अपने आप से बात तुम्हारी मै तुम्हे कैसे बताऊ।

अब तो गिरने लगे मेरी आँखो से आँसू,
हर आँसुओ में तुम हो मै तुम्हे कैसे बताऊ।

करता प्यार तुम को खुद से बढ़ कर,
मुझे जताना नही आता मै तुम्हे कैसे बताऊ।

राते दोगुनी हो जाती बिना तुम्हारे,
आजकल दिन भी होते लम्बे मै तुम्हे कैसे बताऊ।

रहता हर पल तुम्हारा नशा आँखो में,
लाल हुई मेरी आँखे में तुम हो मै तुम्हे कैसे बताऊ।

मिलोगे तुम मुझे कभी न कभी एक दिन,
इसी चाहत में मै अपने दिल को कब तक समझाऊ।

कर दिया सब कुछ कुर्बान तुम्हारी हसरत में,
“साई”अब तुम ही बताओ मै और अपने आप को कितना गिराऊ।

मंदीपसाई

323 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोई तो रोशनी का संदेशा दे,
कोई तो रोशनी का संदेशा दे,
manjula chauhan
हमको बच्चा रहने दो।
हमको बच्चा रहने दो।
Manju Singh
मन चाहे कुछ कहना....!
मन चाहे कुछ कहना....!
Kanchan Khanna
घड़ी घड़ी ये घड़ी
घड़ी घड़ी ये घड़ी
Satish Srijan
2887.*पूर्णिका*
2887.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बिल्ली की तो हुई सगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कविता
कविता
Shyam Pandey
मानवता दिल में नहीं रहेगा
मानवता दिल में नहीं रहेगा
Dr. Man Mohan Krishna
Aaj samna khud se kuch yun hua aankho m aanshu thy aaina ru-
Aaj samna khud se kuch yun hua aankho m aanshu thy aaina ru-
Sangeeta Sangeeta
"मनुष्य"
Dr. Kishan tandon kranti
तेरा एहसास
तेरा एहसास
Dr fauzia Naseem shad
कोई जब पथ भूल जाएं
कोई जब पथ भूल जाएं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-438💐
💐प्रेम कौतुक-438💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुर्सी खाली कर
कुर्सी खाली कर
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
!! कोई आप सा !!
!! कोई आप सा !!
Chunnu Lal Gupta
Happy Father Day, Miss you Papa
Happy Father Day, Miss you Papa
संजय कुमार संजू
" जिन्दगी क्या है "
Pushpraj Anant
"मोहे रंग दे"
Ekta chitrangini
आंधियां* / PUSHPA KUMARI
आंधियां* / PUSHPA KUMARI
Dr MusafiR BaithA
*याद आते हैं ब्लैक में टिकट मिलने के वह दिन 【 हास्य-व्यंग्य
*याद आते हैं ब्लैक में टिकट मिलने के वह दिन 【 हास्य-व्यंग्य
Ravi Prakash
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
*शब्द*
*शब्द*
Sûrëkhâ Rãthí
इस बुझी हुई राख में तमाम राज बाकी है
इस बुझी हुई राख में तमाम राज बाकी है
कवि दीपक बवेजा
बाल कविता: चूहे की शादी
बाल कविता: चूहे की शादी
Rajesh Kumar Arjun
लिख सकता हूँ ।।
लिख सकता हूँ ।।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
तेरी चौखट पर, आये हैं हम ओ रामापीर
तेरी चौखट पर, आये हैं हम ओ रामापीर
gurudeenverma198
मी ठू ( मैं हूँ ना )
मी ठू ( मैं हूँ ना )
Mahender Singh
रचना प्रेमी, रचनाकार
रचना प्रेमी, रचनाकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
Surinder blackpen
Loading...