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3 Jan 2020 · 1 min read

मैरी अभिलाषा

???कविता???

प्यार हम करते हैं उनसे,
उनका इंतहान अभी बाँकी हैं,|

जीवन की शतरंज में ,
खैल अभी बाँकी हैं,
रो रहा हैं दिल आँसूओं
की बहार अभी बाँकी हैं,|

मिलेगा हमें भी वो इंशान,
जिसके लिए हमारें दिल में,
खाली स्थान अभी बाँकी हैं,
आखिर हम हैं इंशान ,
टूटना हमारा मुकद्दर हैं,
इसलिए आज के मिलने का,
अरमान अभी बाँकी हैं,|

साथ चले कोई हमारें,
ये जहान अभी बाँकी हैं,
जिदंगी कभी तो होगी खुश हमारी,
ये अरमान अभी बाँकी हैं,
आखिर हम हैं इंशान कर्म करते रहें,
हमारी पहचान अभी बाँकी हैं,|

राही मिल जाते हैं राहों में ,
राहें कुछ शूनसान अभी बाँकी हैं,
गरव न कर ये इंशान ,
कुछ तूफान अभी बाँकी हैं,
पथ पर चलता रहें ये इंशान,
तेरी पहचान अभी बाँकी हैं,|

दुनियाँ से मत कर प्यार इतना,
शमसान अभी बाँकी हैं,
हम भी करते रह कर्म अपना,
हमारी पहचान अभी बाँकी हैं,
उदास कयों बैठा हैं, इंशान,
तैरी मुस्कान अभी बाँकी हैं,|

हर मतलबी नहीं होता इंशान,
तैरी पहचान अभी बाँकी हैं,
दिन गूजर जाता हैं परेशान,
खुशियों से शाम अभी बाँकी हैं,
अंधेरी रात जरूर हैं,
सुबह से मुस्कान अभी बाँकी हैं,|

धोका देना लोगों की फितरत हैं,
क्यों सोच रहा हैं उनके बारे में,
तेरा नाम अभी काँफी हैं,
तूँ क्यों हैं इतना परेशान,
मंजिल का रास्ता अभी काँफी हैं,
इस दर्द से बहार आ ये इंशान,
तैरी मुस्कान अभी बाँकी हैं,||

प्यार हम करते हैं उनसे,
उनका इंतहान अभी बाँकी हैं,||

लेखक—Jayvind singh

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 385 Views
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