Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2017 · 1 min read

~~मैखाने का साथ ~~

रोजाना बैठता था मेरे साथ साथ
गुजर जाता था समा,
बस मिलकर मैखाने में

एक दिन गुजर गया
और छूट गया साथ अपना
और मैं चल दिया
छोड़ कर सारा जमाना

जब कन्धा देने की आई बारी
तो खुद से किया सवाल
देख जिन के साथ गुजार
रहा था, तू जिन्दगी
मैखाने में बैठ कर
आज तुझ को जाना पड रहा
छोड़ के अकेले यह जहान

मैखाना और शमशान
दोनों का मिलन आज खत्म हो रहा
दोस्त दोस्त न रहा,
बस परवान चढ़ गया
अकेला रह गया , किसी सोच के साथ
कैसे वक्त बीत गया और
वो चल दिया किस ओर

एक शून्य सी में डूब गयी
नाम वो आँखें , याद कर कर
के कि, कैसे छलक जाते थे
कभी मैखाने में यह जाम
रोक नहीं सकता , कोई
टूटते हुए साँसों की डोर को
लाख कोशिश करे चाहे
यह पैमाने के जाम

अजीत तलवार

Language: Hindi
381 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
आँखे मूंदकर
आँखे मूंदकर
'अशांत' शेखर
★मां ★
★मां ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
Sadiyo purani aas thi tujhe pane ki ,
Sadiyo purani aas thi tujhe pane ki ,
Sakshi Tripathi
"दिल्लगी"
Dr. Kishan tandon kranti
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
SHAMA PARVEEN
हिन्दी दोहा- बिषय- कौड़ी
हिन्दी दोहा- बिषय- कौड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तुम हारिये ना हिम्मत
तुम हारिये ना हिम्मत
gurudeenverma198
जीवन भर चलते रहे,
जीवन भर चलते रहे,
sushil sarna
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
2753. *पूर्णिका*
2753. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
Ram Krishan Rastogi
नमस्ते! रीति भारत की,
नमस्ते! रीति भारत की,
Neelam Sharma
जन-जन के आदर्श तुम, दशरथ नंदन ज्येष्ठ।
जन-जन के आदर्श तुम, दशरथ नंदन ज्येष्ठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
Phool gufran
आश्रय
आश्रय
goutam shaw
नयकी दुलहिन
नयकी दुलहिन
आनन्द मिश्र
धैर्य धरोगे मित्र यदि, सब कुछ होता जाय
धैर्य धरोगे मित्र यदि, सब कुछ होता जाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
करवाचौथ
करवाचौथ
Surinder blackpen
जीवन को
जीवन को
Dr fauzia Naseem shad
मनुष्य प्रवृत्ति
मनुष्य प्रवृत्ति
विजय कुमार अग्रवाल
■ ऐसा लग रहा है मानो पहली बार हो रहा है चुनाव।
■ ऐसा लग रहा है मानो पहली बार हो रहा है चुनाव।
*Author प्रणय प्रभात*
मैथिली साहित्य मे परिवर्तन से आस जागल।
मैथिली साहित्य मे परिवर्तन से आस जागल।
Acharya Rama Nand Mandal
अनन्त तक चलना होगा...!!!!
अनन्त तक चलना होगा...!!!!
Jyoti Khari
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
पूर्वार्थ
आंसू
आंसू
नूरफातिमा खातून नूरी
💐अज्ञात के प्रति-147💐
💐अज्ञात के प्रति-147💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
पिता
पिता
लक्ष्मी सिंह
अच्छा रहता
अच्छा रहता
Pratibha Pandey
Loading...