Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2020 · 1 min read

मैकू रिक्शा चला रहा, कवि संदीप मिश्रा “सरस”

मित्रों, आदरणीय सरस जी की कविता , यथार्थ वाद व साम्यवाद से प्रभावित है। कविता में एक ऐसे किसान का वर्णन है ,वह अपने सपनों को भुलाकर, अपना खेत खलिहान बेचकर या गिरवी रखकर आजीविका हेतु रिक्शा चलाने को मजबूर है ।हमारे देश में विस्थापित परिवार की यही विडंबना है ।मेहनतकश किसान , खेती-बाड़ी से दूर हट कर, अपने परिवार के जीवन यापन के लिए शहरों में रिक्शा आदि साधन अपनाने पर मजबूर है। उसका पसीना जो अपनी कृषि हेतु निकलना चाहिये ,वह व्यापार में निकल रहा है।यही कवि की व्यथा का मर्म है। भाव संप्रेषण अद्भुत है, प्रवाह सहज है, और गेयता सहज प्रवाह युक्त है। संदीप सरस जी कविता की सहज रचना धर्मिता के लिये प्रसिद्ध हैं। उपरोक्त कविता के निर्वाहन हेतु वे बधाई के पात्र हैं।
डा. प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।
01.02.2020

Language: Hindi
Tag: लेख
181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
First impression is personality,
First impression is personality,
Mahender Singh
गंवई गांव के गोठ
गंवई गांव के गोठ
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
💐प्रेम कौतुक-423💐
💐प्रेम कौतुक-423💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मातु काल रात्रि
मातु काल रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*छप्पन पत्ते पेड़ के, हम भी उनमें एक (कुंडलिया)*
*छप्पन पत्ते पेड़ के, हम भी उनमें एक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तू रुक ना पायेगा ।
तू रुक ना पायेगा ।
Buddha Prakash
सदैव खुश रहने की आदत
सदैव खुश रहने की आदत
Paras Nath Jha
दिवाली
दिवाली
नूरफातिमा खातून नूरी
2338.पूर्णिका
2338.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कविता: सजना है साजन के लिए
कविता: सजना है साजन के लिए
Rajesh Kumar Arjun
Lines of day
Lines of day
Sampada
जिंदा है धर्म स्त्री से ही
जिंदा है धर्म स्त्री से ही
श्याम सिंह बिष्ट
■ दोहा देव दीवाली का।
■ दोहा देव दीवाली का।
*Author प्रणय प्रभात*
दिल से हमको
दिल से हमको
Dr fauzia Naseem shad
दोस्त
दोस्त
Neeraj Agarwal
Fragrance of memories
Fragrance of memories
Bidyadhar Mantry
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
Radhakishan R. Mundhra
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
योग
योग
लक्ष्मी सिंह
आदरणीय क्या आप ?
आदरणीय क्या आप ?
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सड़क
सड़क
SHAMA PARVEEN
असली नकली
असली नकली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
आज़ाद पंछी
आज़ाद पंछी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
My City
My City
Aman Kumar Holy
सब कुर्सी का खेल है
सब कुर्सी का खेल है
नेताम आर सी
लिखते रहिए ...
लिखते रहिए ...
Dheerja Sharma
नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी
Dr.Pratibha Prakash
Loading...