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9 Feb 2021 · 1 min read

‘मैं’

मैं जो हूँ ‘मैं’ वो नही हूँ
मैं तो कुछ और हूँ
मैं ‘मैं’ ही तो हूँ
मैं नहीं कुछ और हूँ
मैं मैं ही सिमटा हूँ ‘मैं’
इस ‘मैं’ से बाहर क्या
निकल सकता हूँ मैं
हाँ, जब फंस सकता हूँ
इस मैं के चक्रव्यूह में
तो उससे बाहर भी
निकल सकता हूँ ‘मैं’
तुम भी अगर कहीं फंसे हो
तो कोशिश करना निकलने की
इस ‘मैं’ के चक्रव्यूह में फंसा
शायद मैं अकेला ही नही।

©️®️ मंजुल मनोचा ©️®️?

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 293 Views
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