Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2017 · 1 min read

मैं हूँ एक किसान

मैं हूँ एक किसान,
मेरे भी हैं अरमान,
मैं माटी को पूजता,
खेतों में पसीना बहाता,
धरा से निकालता सोना,
महकाता हर घर का कोना,
पर………
खाद बीज के लिए भटकता,
उचित दाम के लिए तरसता,
प्रकृति का कोप सहता,
हर कोई मुझको छलता,
सारी सारी रात में जागता,
खोकर सुकून मैं भागता,
आँखों में नींद नही आती,
बेबसी पर आँसू बहाता,
नदियाँ भी सूख चली,
खेत बनते अब गली,
हर बरस जल स्तर गिरता,
धरा का सीना छलनी होता,
।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
376 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
कोरोना संक्रमण
कोरोना संक्रमण
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ये दिल
ये दिल
shabina. Naaz
■ एक और शेर...
■ एक और शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
Umender kumar
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
Kanchan Khanna
"सच कहूं _ मानोगे __ मुझे प्यार है उनसे,
Rajesh vyas
राहों में उनके कांटे बिछा दिए
राहों में उनके कांटे बिछा दिए
Tushar Singh
ज़िंदगी के फ़लसफ़े
ज़िंदगी के फ़लसफ़े
Shyam Sundar Subramanian
सोचा होगा
सोचा होगा
संजय कुमार संजू
बसंत का मौसम
बसंत का मौसम
Awadhesh Kumar Singh
हम उलझते रहे हिंदू , मुस्लिम की पहचान में
हम उलझते रहे हिंदू , मुस्लिम की पहचान में
श्याम सिंह बिष्ट
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
मानवता
मानवता
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
सच यह गीत मैंने लिखा है
सच यह गीत मैंने लिखा है
gurudeenverma198
2580.पूर्णिका
2580.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-385💐
💐प्रेम कौतुक-385💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
इतना हल्का लगा फायदा..,
इतना हल्का लगा फायदा..,
कवि दीपक बवेजा
तुम हासिल ही हो जाओ
तुम हासिल ही हो जाओ
हिमांशु Kulshrestha
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*उपजा पाकिस्तान, शब्द कैसे क्यों आया* *(कुंडलिया)*
*उपजा पाकिस्तान, शब्द कैसे क्यों आया* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Us jamane se iss jamane tak ka safar ham taye karte rhe
Us jamane se iss jamane tak ka safar ham taye karte rhe
Sakshi Tripathi
बाबा भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस
बाबा भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस
Buddha Prakash
किसी दर्दमंद के घाव पर
किसी दर्दमंद के घाव पर
Satish Srijan
जीवन में उन सपनों का कोई महत्व नहीं,
जीवन में उन सपनों का कोई महत्व नहीं,
Shubham Pandey (S P)
मुझे प्रीत है वतन से,
मुझे प्रीत है वतन से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कैसे गीत गाएं मल्हार
कैसे गीत गाएं मल्हार
Nanki Patre
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
Ranjeet kumar patre
"ऐसा करें कुछ"
Dr. Kishan tandon kranti
अभिमान
अभिमान
Neeraj Agarwal
Loading...