Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2021 · 1 min read

मैं सपनों में आऊँ कैसे

द्वार हृदय का बंद पड़ा है, मैं सपनों में आऊंँ कैसे।
इश्क मुहब्बत दुनिया दुश्मन, तुमको गले लगाऊंँ कैसे।
हुआ मरुस्थल जीवन तुम बिन, पुष्प बिना उपवन हो जैसे-
सांसें, धड़कन, हृदय तुम्हारा, यह तुम को समझाऊंँ कैसे।

(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य’
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
☎️7379598464

Language: Hindi
1 Like · 197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मिली जिस काल आजादी, हुआ दिल चाक भारत का।
मिली जिस काल आजादी, हुआ दिल चाक भारत का।
डॉ.सीमा अग्रवाल
भस्मासुर
भस्मासुर
आनन्द मिश्र
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दिल में हमारे
दिल में हमारे
Dr fauzia Naseem shad
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
SHAMA PARVEEN
हया
हया
sushil sarna
मत कर ग़ुरूर अपने क़द पर
मत कर ग़ुरूर अपने क़द पर
Trishika S Dhara
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
Awneesh kumar
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की याद में लिखी गई एक कविता
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की याद में लिखी गई एक कविता "ओमप्रकाश"
Dr. Narendra Valmiki
2638.पूर्णिका
2638.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बस चलता गया मैं
बस चलता गया मैं
Satish Srijan
धीरज रख ओ मन
धीरज रख ओ मन
Harish Chandra Pande
जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
Manoj Mahato
आज बगिया में था सम्मेलन
आज बगिया में था सम्मेलन
VINOD CHAUHAN
कथित साझा विपक्ष
कथित साझा विपक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
सत्य कुमार प्रेमी
बातें
बातें
Sanjay ' शून्य'
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
Bidyadhar Mantry
सज जाऊं तेरे लबों पर
सज जाऊं तेरे लबों पर
Surinder blackpen
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म।
सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
Vishal babu (vishu)
ऐ दिल सम्हल जा जरा
ऐ दिल सम्हल जा जरा
Anjana Savi
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
अनिल कुमार
Ajj purani sadak se mulakat hui,
Ajj purani sadak se mulakat hui,
Sakshi Tripathi
कहते हैं लोग
कहते हैं लोग
हिमांशु Kulshrestha
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...