–मैं शराबी हो गया–
यार देखो मुझे मैं तो शराबी हो गया हूँ।
पीकर शराब चाल में नवाबी हो गया हूँ।।
चलता हूँ झूम-झूम के तो आता है मज़ा।
ज़ाम ये चूम-चूम के अरे आता है मज़ा।
इश्क़ में शराब के मैं गुलाबी हो गया हूँ।
पीकर—————————————-।
अपनी तो मंज़िल ही मयखाना हो गई है।
डूब शराब में ज़िन्दगी धिकताना हो गई।
कहते हैं लोग हाज़िर-ज़वाबी हो गया हूँ।
पीकर —————————————।
चार दिन की ज़िंदगी लेकर क्या जाना हमें।
ग़म में शराब मिला जीने का बहाना हमें।
सच्चा न रहा हूँ अब मैं ख़्वाबी हो गया हूँ।
पीकर—————————————–।
यार देखो मुझे मैं तो शराबी हो गया हूँ।
पीकर शराब चाल में नवाबी हो गया हूँ।।
——-राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
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नोट..शराब सेहत के लिए हानिकारक है,
इसके गुलाम न बनें।