Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2017 · 2 min read

मैं वर्तमान की बेटी हूँ

बीसवीं सदी में,

प्रेमचंद की निर्मला थी बेटी,

इक्कीसवीं सदी में,

नयना / गुड़िया या निर्भया,

बन चुकी है बेटी।

कुछ नाम याद होंगे आपको,

वैदिक साहित्य की बेटियों के-

सीता,सावित्री,अनुसुइया ,उर्मिला ;

अहिल्या , शबरी , शकुंतला ,

गार्गी , मैत्रेयी , द्रौपदी या राधा।

इतिहास में

यशोधरा, मीरा, रज़िया या लक्ष्मीबाई

साहित्य में

सुभद्रा, महादेवी, शिवानी,इस्मत ,अमृता ,

अरुंधति या महाश्वेता

के नाम भी याद होंगे।

आज चहुंओर चर्चित हैं-

सायना ,सिंधु ,साक्षी ,सानिया ;

जहां क़दम रखती हैं ,

छोड़ देती हैं निशानियां।

घूंघट से निकलकर,

लड़ाकू – पायलट बन गयी है बेटी,

सायकिल क्या रेल-चालिका भी बन गयी है बेटी,

अंतरिक्ष हो या अंटार्टिका,

सागर हो या हिमालय,

अपना परचम लहरा चुकी है बेटी,

क़लम से लेकर तलवार तक उठा चुकी है बेटी,

फिर भी सामाजिक वर्जनाओं की बेड़ियों में जकड़ी है बेटी।

सृष्टि की सौन्दर्यवान कृति को ,

परिवेश दे रहा आघात के अमिट चिह्न ,

कुतूहल मिश्रित वेदना की अनुभूति से,

सजल हैं बेटी के सुकोमल नयन ,

हतप्रभ है-

देख-सुन समाज की सोच का चयन।

उलझा हुआ है ज़माना,

अव्यक्त पूर्वाग्रहों में,

बेटी के माँ -बाप को डराते हैं –

पुरुष के पाशविक , वहशी अत्याचार ,

कुदृष्टि में निहित अन्धकार ,

दहेज से लिपटे समाज के कदाचार ,

क़ानून के रखवाले होते लाचार ,

चरित्र-निर्माण के सूत्र होते बंटाढार ,

भौतिकता का क्रूरतर अम्बार।

बेटी ख़ुद को कोसती है,

विद्रोह का सोचती है ,

पुरुष-सत्ता से संचालित संवेदनाविहीन समाज की ,

विसंगतियों के मकड़जाल से हारकर ,

अब न लिखेगी बेटी –

“अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो ,

मोहे किसी कुपात्र को न दीजो “।

लज्जा, मर्यादा ,संस्कार की बेड़ियाँ ,

बंधन -भाव की नाज़ुक कड़ियाँ,

अब तोड़ दूँगी मैं ,

बहती धारा मोड़ दूँगी मैं ,

मूल्यों की नई इबारत रच डालूँगी मैं ,

माँ के चरणों में आकाश झुका दूँगी ,

पिता का सर फ़ख़्र से ऊँचा उठा दूँगी,

मुझे जीने दो संसार में,

अपनों के प्यार -दुलार में ,

मैं बेटी हूँ वर्तमान की !

मैं बेटी हूँ हिंदुस्तान की !!

– रवीन्द्र सिंह यादव

Language: Hindi
420 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Jeevan ka saar
Jeevan ka saar
Tushar Jagawat
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
Subhash Singhai
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
VINOD CHAUHAN
वो नए सफर, वो अनजान मुलाकात- इंटरनेट लव
वो नए सफर, वो अनजान मुलाकात- इंटरनेट लव
कुमार
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
12- अब घर आ जा लल्ला
12- अब घर आ जा लल्ला
Ajay Kumar Vimal
विचारों में मतभेद
विचारों में मतभेद
Dr fauzia Naseem shad
*सभी को आजकल हँसना, सिखाने की जरूरत है (मुक्तक)*
*सभी को आजकल हँसना, सिखाने की जरूरत है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
चलो चलें बौद्ध धम्म में।
चलो चलें बौद्ध धम्म में।
Buddha Prakash
नमन मंच
नमन मंच
Neeraj Agarwal
Take responsibility
Take responsibility
पूर्वार्थ
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
Rj Anand Prajapati
चौमासा विरहा
चौमासा विरहा
लक्ष्मी सिंह
नहीं भुला पाएंगे मां तुमको, जब तक तन में प्राण
नहीं भुला पाएंगे मां तुमको, जब तक तन में प्राण
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक श्वान की व्यथा
एक श्वान की व्यथा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
Deepak Baweja
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
न ठंड ठिठुरन, खेत न झबरा,
Sanjay ' शून्य'
त्रुटि ( गलती ) किसी परिस्थितिजन्य किया गया कृत्य भी हो सकता
त्रुटि ( गलती ) किसी परिस्थितिजन्य किया गया कृत्य भी हो सकता
Leena Anand
"सत्ता से संगठम में जाना"
*Author प्रणय प्रभात*
Janab hm log middle class log hai,
Janab hm log middle class log hai,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
मैने नहीं बुलाए
मैने नहीं बुलाए
Dr. Meenakshi Sharma
मैं भी चुनाव लड़ूँगा (हास्य कविता)
मैं भी चुनाव लड़ूँगा (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
ईश्वर से बात
ईश्वर से बात
Rakesh Bahanwal
💐प्रेम कौतुक-439💐
💐प्रेम कौतुक-439💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"रुख़सत"
Dr. Kishan tandon kranti
बेशर्मी के कहकहे,
बेशर्मी के कहकहे,
sushil sarna
एक चिडियाँ पिंजरे में 
एक चिडियाँ पिंजरे में 
Punam Pande
पुनर्वास
पुनर्वास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मार्तंड वर्मा का इतिहास
मार्तंड वर्मा का इतिहास
Ajay Shekhavat
Loading...